एनसीपीयूल में पारदर्शिता बरती जाएगी- डा. शेख अकील अहमद दिल्ली

नई दिल्ली - राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद को भ्रष्टाचार और बेईमानी से मुक्त रखने के लिए हर काम में पारदर्शिता बरती जाएगी। पूर्व में इस संबंध में शिकायतें आई थीं , परिषद उसे दूर करने की पूरी कोशिश करेगी। मदरसों में कंप्यूटर सेंटर देने का प्रयास करेंगे ताकि उर्दू जानने वाले बच्चे आधुनिक तकनीक से जुड़ सके। परिषद का साफ मानना है कि रिश्वत देना और लेना दोनों जुर्म हैं। अगर किसी भी सैंटर से रिश्वत देने की बात आएगी तो वो सैंटर हमेशा के लिये बंद कर दिया जाएगा।दिल्ली जैसे बड़े शहरों में लोगों को इसकी जानकारी हो सकती है परंतु छोटे शहरों, गांव और कस्बों में इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। अतः भारत के कोन-कोने में परिषद और इसकी गतिविधियों और विभिन्न योजनओं से संबंधित जानकारी देने के लिये हमने सरकार से बात की है और हमें उम्मीद है कि यह सुझाव सरकार स्वीकार कर लेगी। हमने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को कहा है कि देश में  100 सेमीनार और वर्कशॉप करने की मंजूरी दी जाये ताकि   देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाली जनता भी परिषद की गतिविधियों से पूरी तरह परिचित हो सकें। विशेष रूप से उत्तर पूर्व राज्यों में उर्दू शिक्षा और उसके विकास पर पूर्ण रूप से ध्यान दिया जाएगा। हम इब्ने सफी के उपन्यासों की तरह दास्तानों की एक सीरीज प्रकाशित करेंगे। क्लासिकी किताबों से उर्दू की नई पीढ़ी दूर होती जा रही है जिनके बुरे प्रभाव हमारी बातचीत पर पड़ते हैं। हम भारत की महान हस्तियों की जीवनियां भी प्रकाशित करेंगे, जिससे हमारी नई पीढ़ी लाभांवित हो सके और उनके कारनामों से प्रेरणा पा सके। परिषद बच्चों के लिये भारतीय सभ्यता और संस्कृति से संबंधित किताबें प्रकाशित करेगी। उर्दू सिखाने वाली पुस्तके अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित की जाएँगी। उर्दू समाचार पत्रों की सेवा से इंकार नहीं किया जा सकता। उर्दू समाचार पत्रों को अधिक से अधिक विज्ञापन दिए जाएगें तथा उर्दू वैब पोर्टल को भी सहायता दी जाएगी। उर्दू का एक तराना या नज्म लिखवाकर उसकी रिकार्डिंग तैयार कराकर मोबाईल वैन में दी जाएगी ताकि मोबाईल वैन जहां भी जाए लोग उर्दू तराने के आकर्षण से खिचे चले आएं। उन्होंने पुस्तक मोबाईल वैन की संख्या बढ़ने की बात कही है। । मैं ईमानदारी का पक्षधर हूँ और इस पर कायम रहते हुए उर्दू के विकास के लिए प्रयास करूंगा। यह बातें राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के कार्यालय में  पत्रकारों को संबोधित करते हुए कॉउंसिल के निदेशक डाक्टर शेख अकील अहमद ने कहीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद जल्द ही विश्व उर्दू कान्फ्रेंस का आयोजन करेगी जिसमें वैश्विक स्तर पर प्रतिभाशाली विद्वानों और साहित्यकारों को आमंत्रित किया जाएगा। हम ऐसे साहित्यकारों से संपर्क करेंगे जिनका उर्दू भाषा और साहित्य के विकास में उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने आगे कहा कि परिषद का वार्षिक आयोजन पुस्तक मेला है। इससे भी उर्दू भाषा और साहित्य का विकास हो रहा है और विशेषकर ऐसी दुर्लभ पुस्तकें जिन तक उर्दू पाठकों की पहुंच संभव नहीं, परिषद उन शहरों तक ऐसी किताबें उपलब्ध कराएगी। परिषद अब तक बड़े शहरों में जिन कार्यक्रमों का आयोजन करती आ रही थी अब ये कार्यक्रम राज्यों में जिला स्तर पर कराने की बात कही गई है ताकि आम लोग उर्दू से करीब हो सकें और उर्दू की पहुंच घर-घर तक हो सके ताकि  राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद और इसकी गतिविधियों और इसकी योजनाओं को जान सके।