व्यापारियों को नहीं पता क्या होते हैं ग्रीन पटाखे, कोर्ट के निर्णय को लेकर संशय

भोपाल। दीपावली पर पटाखों के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सिर्फ ग्रीन पटाखों को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दी है। इस आदेश को लेकर पटाखा व्यापारियों में संशय बना हुआ है। दरअसल व्यापारियों को ग्रीन पटाखों के विषय में जानकारी नहीं है। उधर, शहर में पुराने पटाखों की भी ब्रिक्री जारी है। पटाखा व्यापारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि देश में सालभर पटाखे बनाए जाते हैं। साथ ही दीपवाली के छह माह पहले तो पटाखे बनाने का काम । दिन-रात किया जाता है। इसके बाद पूरे देश में पटाखों की मांग पूरी हो पाती है। यदि ग्रीन पटाखे बनाने शुरू भी कर दिए जाएं तो अब मांग परी होना संभव नहीं है। इसके अलावा व्यापारियों के पास जो पुराना स्टॉक रखा है। उसको लेकर भी स्थिति साफ नहीं है। उधर, ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य जिलों के व्यापारी भी भोपाल से ही थोक खरीदी करते हैं। इसी कारण बाजार में असंमजस की स्थिति है। राजधानी में पटाखा व्यापारियों का स्थानीय स्तर पर ही संगठन है। वहीं मामले को - अलग-अलग शहरों के रासोसिएशन एक होने पर विचार कर रहे हैं। साथ ही टिळी में उन संगठनों से भी बात की जा रही है जो इस मामले पर सरकार से बातचीत कर रहे हैं। भोपाल पटाखा व्यापारी संघ अध्यक्ष दौलत राम सबनानी ने नवदुनिया को बताया कि पखाटा व्यापार से लाखों लोगों का रोजगार चल रहा है। सही निर्णय लोगों का रोजगार चल रहा है सही निर्णय नहीं लिया गया तो लोगों की रोजीरोटी पर संकट खा हो जाएगा। जबलपुर व ग्वालियर के हजारों लोगों की आजीविका इसी व्यवसाय से जी है। इस बार पटाखा व्यापार प्रभावित होने की बात भी उन्होंने कही। ग्रीन पटाखों को लेकर गफतल ग्रीन पटाखों की तकनीकी रूप से क्या परिभाषा है, इसे लेकर व्यापारियों से लेकर पर्यावरण विद् को स्पष्ट जानकारी नहीं है। पर्यावरण विद् बताते हैं कि पटाखों के कारण होने वाले प्रदूषण को देखकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय लिया है। लिहाजा कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे इस श्रेणी में आएंगे। सामान्य पटाखे जलाने में नाइटोजन और सल्फर ऑक्साइड गैस निकलती है, और सल्फर ऑक्साइड गैस निकलती है जो पर्यावण के लिए घातक होती है। इन पटोखों में एल्युमीनियम का उपयोग कम किया जाता है और कैमिकल का उपयोग भी ज्यादा होता है। ग्रीन पटाखों को जलाने में आवाज कम होने के साथ धुंआ भी कम निकलता है। आदेश में क्या-क्या बिंदु हैं इस पर अध्ययन किया जा रहा है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा - सुदाम पी खाडे, कलेक्टर ग्रीन पटाखों का मतलब क्या है हमें इस बारे में जानकारी नहीं है। पुराना और नया स्टॉक भी बचा है।