मोदी नगर में एक निजी कम्पनी समूह की हरकत से सशंकित हैं मजदूर

गाजियाबाद। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस, इंटक, उत्तरप्रदेश के प्रवक्ता सुरेश शर्मा ने हमारी आवाज़ सुनो अभियान शुरू किया है। इसके तहत उन्होंने प्रबंध निदेशक, मोदी इलेक्ट्रोड कम्पनी, मोदी गैस फैक्ट्री एवं मोदी पेंट एण्ड वार्निश फैक्ट्री मोदी नगर, गाजियाबाद को पत्र लिखकर आगाह किया है कि "जैसे कि आपने चर्चा फैला रखी है कि हम फैक्ट्री को चलाना चाहते हैं। यदि आप वास्तव में उक्त फैक्ट्रियों को चलाना चाहते हैं तो फैक्ट्री की यूनियनें एवं कार्यरत मजदूर भी फैक्ट्रियों में कार्य करना चाहते हैं, क्योंकि फैक्ट्रियों के चलने में ही दोनों पक्षों का हित है।"इस बाबत प्रवक्ता श्री शर्मा ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया  है कि "आप जिलाधिकारी गाजियाबाद, उप श्रमायुक्त गाजियाबाद एवं उप जिलाधिकारी मोदी नगर के समक्ष लिखित प्रस्ताव प्रस्तुत करें कि हम इतने दिनों के अंदर फैक्ट्रियों को चलाना चाहते हैं, जिसमें मजदूरों के देयों की स्थिति भी स्पष्ट करें, जिससे कि त्रिपक्षीय वार्ता के लिए प्रयास किये जा सकें।उन्होंने बताया कि गत 2 नवम्बर से फैक्ट्रियों को चलाने हेतु आज तक फैक्ट्री की यूनियनें एवं कार्यरत मजदूर आपको फैक्ट्रियों चलाने हेतु समय देते आ रहे हैं। इस बीच स्थानीय प्रतिनिधि, उत्तर प्रदेश व केन्द्र के मंत्री भी मजदूरों के आन्दोलन को इस आश्वासन के साथ समाप्त करा चुके हैं कि फैक्ट्रियों को शीघ्र चालू करवा दिया जायेगा लेकिन आपने उक्त फैक्ट्रियों को नहीं चलाया?"यही वजह कि मजदूरों के बीच यह भ्रम फैला हुआ है कि आपने मोदी पोन कम्पनी लिमिटेड मोदी नगर की अधिग्रहित सरकारी 125-8125 एकड़ भूमि को अवैध एवं गैर कानूनी तरीके से बैंक आॅफ बड़ौदा एवं एक अन्य वित्तीय संस्था में गिरवी रख दिया। इतना ही नहीं, वित्तीय संस्थाओं में उक्त भूमि गिरवी रहते हुए उत्तर प्रदेश शासन की आँखों धूल में  झोंककर उक्त भूमि में से सशर्त 13 एकड़ भूमि बेचने की अनुमति ले लिया। बताया गया है कि छह साल के बाद 2007 में फैक्ट्री को बंद करने के बाद इस भूमि को अवैध एवं गैर कानूनी तरीके से बिना भू उपयोग परिवर्तन कराये प्लाटिंग करके एक अवैध कालोनी स्थापित करवा दी। इसी के साथ साथ फैक्ट्री की मशीनरी, स्क्रेप यहाँ तक कि फैक्ट्री की ईटों तक को बेच दिया गया।अपने पत्र में प्रवक्ता श्री शर्मा ने आशंका जताई है कि इसी तरह आप उक्त तीनों फैक्ट्रियों का स्क्रेप को बेचना चाहते हैं, क्योंकि फैक्ट्रियों को चलाने में आपकी कोई दिलचस्पी नहीं है।फिर भी आप यदि उक्त फैक्ट्रियों को चलाना चाहते हैं तो  मजदूरों के देयों की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कितने दिन में फैक्ट्रियों को चलाना चाहते हैं तो  संगठन को एक लिखिए ताकि वार्ता के लिए आगे कदम बढ़ाये जा सकें।