नगर निगम ने बीजेपी वार्ड पार्षद से करोड़ों की जमीन कब्जामुक्त करवाई




गाजियाबाद। नगर निगम ने नंद ग्राम इलाके में बीजेपी के एक मौजूदा पार्षद द्वारा सरकारी जमीन पर किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त करके करोड़ों रुपये की अपनी जमीन कब्जा मुक्त करवा ली है। खबर है कि तकरीबन 1000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत वाली इस जमीन पर भाजपा के स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं द्वारा जमीन कब्जाए जाने का आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया था, जिसके बाद निगम ने सत्ताधारी वार्ड पार्षद के खिलाफ यह कार्रवाई की है।खबर है कि सिहानी गेट थाना अंतर्गत नंद ग्राम इलाके में सोमवार को सुबह से ही नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता मौजूद रहा और अतिक्रमित निर्माण पर जमकर पीला पंजा चलाया। इस दौरान नगर निगम के तमाम आला अधिकारी और पुलिस बल मौके पर मौजूद थे। इस सम्बंध में नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक, बीजेपी के वार्ड नम्बर 13 के मौजूदा पार्षद रोहित त्यागी द्वारा नगर निगम की जमीन पर अवैध निर्माण किया जा रहा था, जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा की गई थी। उसका संज्ञान लेते हुए ही सोमवार को यहां किए जा रहे अवैध निर्माण को ध्वस्त करते हुए करोड़ों की जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया है।मिली जानकारी के अनुसार, थाना सिहानी गेट इलाके की नंद ग्राम कॉलोनी में मरियम नगर अस्पताल के ठीक सामने वार्ड नंबर 13 में करीब 15 बीघा जमीन खाली पड़ी हुई थी। जिसपर पर नगर निगम का सरकारी ट्यूबवेल भी लगा हुआ है। आरोप है कि घूकना वार्ड नंबर 13 के पार्षद रोहित त्यागी द्वारा यहां पर अवैध निर्माण करवाये जाने की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा नगर निगम अधिकारियों से की गई थी, जिसका त्वरित संज्ञान लेते हुए नगर निगम ने सोमवार की सुबह से ही जोनल अधिकारी सुधीर कुमार के निर्देशन में पीला पंजा चलाना शुरू कर दिया।उधर, वार्ड नंबर 13 के पार्षद रोहित त्यागी के पिता पूर्व पार्षद ओम त्यागी का कहना है कि यहां पर पहले से ही भाजपा के कुछ दबंग नेता और उनके कार्यकर्ता द्वारा बड़ी मात्रा में जमीन को घेरा जा चुका है जिसकी कार्यवाही के लिए उन्होंने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।न्यायालय ने ओम त्यागी द्वारा दी गई याचिका का संज्ञान लेते हुए इस इलाके में कब्जा की गई सभी जमीन को ध्वस्त करने के निर्देश दिए थे। लेकिन भाजपा की सरकार होने के नाते अधिकारी भी दोहरा रवैया अख्तियार किए हुए हैं। क्योंकि 25 मई 2018 को गाजियाबाद की जिलाधिकारी द्वारा यहां सभी अवैध निर्माण को ध्वस्त किए जाने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन इस तरफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।श्री त्यागी ने बताया कि जिस जमीन को नगर निगम अपनी बता रहा है, वह पूरी 1300 बीघा जमीन खसरा नंबर 253 में है। इसके अलावा, खसरा नंबर 351 में बने हुए उनके घर और घेर भी पुरानी आबादी में पहले से ही दर्ज है और पिछले काफी समय से यहां पर रिहाईश भी बनी हुई है। पूर्व पार्षद ओम त्यागी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां करीब 1000 करोड़ से भी ज्यादा रुपए का घोटाला भाजपा के नेता और उनके समर्थकों द्वारा किया हुआ है। लेकिन केवल उन पर दबाव बनाने के लिए महज आज उनके खिलाफ ही यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने आगे कहा कि भले ही नगर निगम उनके ऊपर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन अब वह नगर निगम के खिलाफ याचिका दायर करेंगे।