रेरा के हस्तक्षेप पर जीडीए करवायेगा 18 बिल्डरों का ऑडिट

गाजियाबाद। रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के निर्देश पर जिले के 18 बिल्डरों का ऑडिट कराने के लिए जीडीए अब कानूनी सलाह लेगा। इससे इन बिल्डरों के कार्यालय में भी हड़कम्प मचा हुआ है, क्योंकि जब जीडीए इन 18 बिल्डरों का ऑडिट कराएगा तो कई प्रकार की अनियमितताओं का खुलासा सम्भव है। लेकिन जीडीए की योजना है कि कतिपय फ्री होल्ड कॉलोनियों में फ्लैट बनाने वाले बिल्डरों के ऑडिट पर पहले कानूनी सलाह ली जाएगी, ताकि जीडीए किसी विवाद में न फंसे। इसलिए ऑडिट से पहले बचने के लिए कानूनी सलाह लेगा। इसके बाद ही बिल्डरों का ऑडिट किया जाएगा।बता दें कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की सीमा क्षेत्र में बिल्डर अबतक दो तरीके- लीज होल्ड और फ्री होल्ड जमीन पर कार्य कर रहे हैं। यही वजह है कि लीज होल्ड जमीन पर निर्माण करने वाले बिल्डरों का आर्थिक ऑडिट कराने में जीडीए को कोई परेशानी नहीं है, लेकिन फ्री होल्ड यानि अवैध कॉलोनियों में ऐसा करवाने का जीडीए को अधिकार नहीं है। जानकारों की मानें तो सबसे ज्यादा क्रासिंग रिपब्लिक और  राजनगर एक्सटेंशन आदि में फ्री होल्ड कॉलोनियों के विवाद अधिक हैैं। लिहाजा, जीडीए इन फ्री होल्ड कॉलोनियों में काम कर रहे बिल्डरों का ऑडिट करवाने से पहले कतिपय कानूनी बारीकियों पर संज्ञान लेना चाहता है। इसके लिए जीडीए का विधि अनुभाग अब तमाम कानूनी दस्तावेज खंगालेगा। उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।उल्लेखनीय है कि आम्रपाली बिल्डर के मामले में रेरा अध्यक्ष ने जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा को चिन्हित किए गए सी श्रेणी के 18 बिल्डरों का ऑडिट कराने के निर्देश दिए थे। लिहाजा, इन बिल्डरों का निजी वित्तीय कंपनी से आर्थिक ऑडिट कराया जाएगा। इस ऑडिट से देखा जाएगा कि बिल्डरों की वित्तीय स्थिति कैसी है और इनके प्रोजेक्टस का पैसा कहीं अन्य जगहों पर तो नहीं लगाया गया। क्योंकि इन बिल्डरों को 15 हजार से ज्यादा फ्लैटस का निर्माण करना हैं। इस सम्बंध में जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि बिल्डरों का आर्थिक ऑडिट कराने से पहले कानूनी सलाह ली जाएगी। ताकि ऑडिट में कोई समस्या न हो। जीडीए द्वारा कानूनी दायरे में रहते हुए ही सभी बिल्डरों का ऑडिट कराया जाएगा, ताकि रेरा के समक्ष स्थिति स्पष्ट की जा सके।