सऊदी क्राउन प्रिंस का दावा, पत्रकार खशोगी के मुस्लिम ब्रदरहुड से थे संबंध

रियाद। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी को खतरनाक इस्लामी बताया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जारेड कनेर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जान बोल्टन के साथ फोन पर बातचीत कहा था। इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगन के सलाहकार ने शुक्रवार को कहा कि इस्तांबुल में स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या के बाद पत्रकार के शव के टुकड़े किए गए और फिर उसे निपटा दिया गया। वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रियाट दाग सार्वजनिक रूप से खशोगी की हत्या की बात स्वीकार करने से पहले ही क्राउन प्रिंस ने फोन किया। था। कुश्नेर और बोल्टन से उन्होंने अमेरिका-सऊदी गठबंधन को बचाए रखने की अपील की थी। क्राउन प्रिंस ने कहा था कि पत्रकार मस्लिम ब्रदरहड का सदस्य था। बोल्टन और प प्रशासन के टये अधिकारी लंबे समय से मस्लिम ब्रदरहुड का विरोध कर रहे हैं। वाशिंगटन पोस्ट को भेजे गए बयान में खुशोगी के परिवार ने स्तंभ लेखक पत्रकार को खतरनाक इस्लामी कहे जाने पर आपत्ति की है। निजी तौर पर खुशोगी की आलोचना का प्रयास सऊदी सरकार के सार्वजनिक बयान के विपरीत है। रियाद ने सार्वजनिक बयान में खुशोगी की हत्या को डरावनी चक और डरावनी त्रासदी कहा है। यहां तक कि पिछले सप्ताह एक चर्चा में क्राउन प्रिंस ने भी कहा था कि जो घटना हुई वह सभी सऊदी के लिए अत्यंत दुखद है। इस घटना को न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता। एक सत्र ने बताया कि खुशोगी के बारे में क्राउन प्रिंस ने बोल्टन से जो कुछ कहा उसे मानने का उन्होंने कोई संकेत नहीं दिया। एक सऊदी अधिकारी ने इस बात से इन्कार किया कि क्राउन प्रिंस ने कोई आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि । युवा नेता और अमेरिका के शीर्ष अधिकारी के बीच समय-समय पर बात होती रहती है, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं हुई है। वाशिंगटन। पोस्ट के स्तंभ लेखक खशगी दो अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में अपनी शादी संबंधी कागजी कार्रवाई पूरी करने गए थे। उसके बाद वह लापता हो गए और अंतरराष्ट्रीय दबाव में सऊदी अरब ने अंत में माना कि वाणिज्य दूतावास के भीतर पत्रकार की हत्या हुई। इजरायल के ऊर्जा मंत्री युवाल स्तेइनिज ने खुशोगी की हत्या को जघन्य करार दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनका देश ईरान के साथ संघर्ष से कहीं ज्यादा खाड़ी देश के साथ संबंध को लेकर चिंतित है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वह यह नहीं कह सकते कि उनका यह विचार प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के विचार से मेल खाता है।