चेन्नई।पूर्व मुखमयंत्री जे जयललिता की मौत की जांच कर रहे जांच आयोग के वकील ने एक याचिका में आरोप लगाया है कि तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने अपोलो अस्पताल के साथ साठगांठ और साजिश की तथा उनका उपयुक्त उपचार नहीं किया गया।सूत्रों के अनुसार आयोग के वकील ने यह भी आरोप लगाया कि 2016 में जयललिता को अस्पताल में भर्ती किये जाने के समय तत्कालीन मुख्य सचिव पी राम मोहन राव ने जानबझकर झूठे सबूत दिए', इन आरोपों का स्वास्थ्य सचिव और अस्पताल दोनों ने जोरदार खंडन किया है जबकि पूर्व मुख्य सचिव ने कहा कि उन्हें याचिका की जानकारी नहीं है।न्यायमूर्ति ए अरुमुगस्वामी आयोग के स्थायी वकील मोहम्मद जाफरुल्लाह खान ने पैनल के समक्ष दायर याचिका में राधाकृष्णन और राव पर प्रतिवादी के तौर पर मुकदमा चलाने की मांग की है।वकील की याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्वास्थ्य सचिव ने पैनल के सामने विरोधाभासी बयान दिये और वह जयललिता को इलाज के वास्ते विदेश ले जाने के भी विरुद्ध थे. याचिका में कहा गया है, “अतएव, यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य सचिव की गवाही न केवल विरोधाभासी है बल्कि वह दिवंगत मुख्यमंत्री के अनुपयुक्त उपचार के संबंध में स्वास्थ्य सचिव और अपोलो अस्पताल के बीच साठगांठ का भी संकेत करती है।
अपोलो अस्पताल और तमिलनाडु के सचिव पर लगा जयललिता की मौत की साजिश का आरोप