दिलशाद गार्डन-नया बस अड्डा मेट्रो कॉरिडोर के उद्घाटन की कवायद तेज



गाजियाबाद। आखिरकार दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा तक के मेट्रो ट्रेन फेज-2 कॉरिडोर पर मेट्रो का ट्रॉयल चल रहा हो और इसके उद्घाटन की संभावित तिथि 25 दिसंबर भी करीब आ रही हो, लेकिन सवाल है कि मेट्रो ट्रेन कॉरिडोर के लिए केंद्र सरकार से संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट की मंजूरी और उसके अंशदान के 329.62 करोड़ रुपए मिले बगैर इसका उद्घाटन आगामी 25 दिसंबर को कैसे होगा? यह ठीक है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की ओर से मेट्रो स्टेशन और अन्य कार्य शीघ्रतापूर्वक पूरा करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को निर्देश दिए गए हैं। यही नहीं, जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने डीएमआरसी प्रबंधकों को शहीदनगर और न्यू बस अड्डा मेट्रो स्टेशन को पहले तैयार करने के लिए निर्देश भी दिए हैं ताकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन हो सके। यह बात दीगर है कि प्रदेश सरकार की ओर से अभी तक मेट्रो ट्रेन के उद्घाटन की तारीख नियत नहीं हुई है, फिर 25 दिसंबर को इस कॉरिडोर पर मेट्रो का संचालन शुरू करने की योजना पर अमल करने की कोशिश जरूर की जा रही हैं।बता दें कि दिल्ली के दिलशाद गार्डन के बाद गाजियाबाद का पहला स्टेशनशहीद नगर है, जबकि आखिरी स्टेशन न्यू बस अड्डा है जिनमें से ही किसी एक पर उद्घाटन होगा। इसलिए समझा जा रहा है कि इन दोनों स्टेशनों को पहले तैयार करवाकर उसका पूर्ण रूप से सौंदर्यीकरण, पार्किंग आदि सभी कार्य शीघ्रतापूर्वक पूरा कराने की तैयारी की जा रही हैं। दरअसल, यहां पर
एप्रोच रोड को दुरूस्त करने के साथ ही पार्किंग भी बनाई जाएगी। लिहाजा यदि मेट्रो ट्रेन का दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में विधिवत संचालन होता है तो गाजियाबाद से दिल्ली और दिल्ली से गाजियाबाद आने वाले करीब 2 लाख लोगों को मेट्रो ट्रेन का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा और शहर के विकास को और रफ्तार मिलेगी। क्योंकि जो लोग अबतक जाम के तामझाम से बचने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद आने जाने में परहेज करते थे, वे अब बेधड़क आएंगे और जाएंगे।उल्लेखनीय है कि इस कॉरिडोर की संशोधित डीपीआर को केंद्रीय कैबिनेट बैठक में शीघ्र ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बाई सर्कुेलेशन प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उधर, पब्लिक इनवेस्टमेंट बोर्ड ने भी डीपीआर को वित्त विभाग को भेज दिया है, जहां से सहमति मिलते ही इसे कैबिनेट को भेजा जाएगा। इसलिए इस बात की उम्मीद है कि यदि जल्द मंजूरी मिल गई तो केंद्र सरकार के 329.62 करोड़ रुपए का अंशदान भी शीघ्र ही मिल जाएगा।बता दें कि दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा तक 9.41 किलोमीटर लंबा यह ट्रैक है, जिसके 2210 करोड़ की संशोधित डीपीआर के बाद डीएमआरसी ने अब इसकी लागत कम करके 1805 करोड़ रुपए निर्धारित कर दी है। इस कॉरिडोर पर 8
मेट्रो स्टेशन दिलशादगार्डन की ओर से क्रमशः शहीदनगर, राजबाग,राजेंद्रनगर, श्यामपार्क, मोहननगर, अर्थला, हिंडन नदी और न्यू बस अड्डा
स्टेशन हैं। इस मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट की शुरूआत 17 जून 2014 को हुई।केंद्र सरकार से संशोधित डीपीआर 1805 करोड़ की मंजूरी और केंद्र सरकार के
अंशदान 329.62 करोड़ रुपए, डीएमआरसी का 272 करोड़ रुपए, नगर निगम का 173 करोड़ रुपए, आवास एवं विकास परिषद का 120 करोड़ रुपए का अंशदान बाकी है।जीडीए द्वारा डीएमआरसी को अभी तक कुल मिलाकर 1026.24 करोड़ रुपए की धनराशि दी जा चुकी हैं। फंडिंग पैटर्न के मुताबिक, नगर निगम के हिस्से की 173 करोड़ रुपए का अंशदान भी जीडीए शासन से निर्णय होने के बाद डीएमआरसी को दे देगा।बहरहाल, मेट्रो ट्रेन का ट्रॉयल अब अंतिम दौर में है,जबकि मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन होने से पहले चीफ रेलवे सेफ्टी कमिश्नर की निगरानी में फाइनल
ट्रॉयल होना अभी बाकी है। फिलवक्त सभी 8 स्टेशनों पर फिनिशिंग का कार्य डीएमआरसी द्वारा कराया जा रहा हैं। लगभग फुटओवर ब्रिज तैयार हैं और एस्केलेटर भी लगाए जा चुके हैं। बस इस कॉरिडोर की संशोधित डीपीआर को जल्द केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद अनौपचारिक रूप से उद्घाटन की घोषणा ही शेष रह जाएगी। इसलिए अब देखना है कि शेष 15 दिनों में बचे ये कार्य पूरे हो पाते हैं या फिर कोई और नई तिथि मुकर्रर होती है!