पोर्ट ब्लेयर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अंडमाननिकोबार पहुंचे और वहां साल 2004 की सुनामी में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी. वो अंडमान-निकोबार की सेल्यूलर जेल के अंदर भी गए. इसके बाद पीएम मोदी ने पोर्ट ब्लेयर में रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने हैवलॉक द्वीप, नील द्वीप और रॉस द्वीप के नाम बदलने का ऐलान किया. इसके अलावा अंडमान-निकोबार को डीम्ड यूनिवर्सिटी का तोहफा दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि अब हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जाएगा, जबकि नील द्वीप को शहीद द्वीप के नाम से जाना जाएगा. इसके अलावा रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने कहा कि जब आजादी के नायकों की बात आती है तो नेताजी का नाम हमें गौरव और नई ऊर्जा से भर देता है।आजाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री सुभाष बाबू ने अंडमान की इस धरती को भारत की आजादी की संकल्प भूमि बनाया था. आजाद हिंद फौज ने यहां आजादी का तिरंगा फहराया था. पीएम मोदी ने कहा कि 30 दिसंबर 1943 की उस ऐतिहासिक घटना को आज 75 वर्ष परे हो गए हैं. आज रविवार को उसी की याद में यहां पर 150 फीट ऊंचा ध्वज फहराकर हम अपने इस दिन को देशवासियों की चिरस्मृति में अंकित करने का प्रयास किया है. गुलामी के लंबे कालखंड में अगर भारत की एकता को लेकर कोई शक और संदेह मानसिकता का प्रश्न है, संस्कारों का नहीं। सुभाष बाबू का भी ये मानना था कि हम सभी प्राचीन काल से ही एक हैं। गुलामी के समय में इस एकता में छिन्न-भिन्न करने का प्रयास जरूर हुआ है।पीएम मोदी ने कहा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ये दृढ़ विश्वास था कि एक राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान पर बल देकर मानसिकता को बदला जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अंडमान-निकोबार को दिए बंपर तोहफे, 3 द्वीपों के नाम भी बदले