गाजियाबाद। जिला प्रशासन ने राजस्व वसूली को लेकर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। खबर है कि स्टाम्प शुल्क जमा न करने वाले कई लोगों के भवन और ऑफिस सील कर दिए गए हैं, जबकि कुछ अन्य की बिजली काट दी गई है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जनपद के लोनी अंतर्गत डीएलएफ कालोनी में सी-1 एस-3 प्रतिमा पत्नी विकास पर बिजली बिल का 50,351 रूपये, ए-1 /184 डीएलएफ सेकेण्ड संजय कंसल पुत्र मदन लाल पर 40,506 रूपये, डी-1/184 डीएलएफ सेकेण्ड गोविन्द पुत्र जयभगवान पर 44,450 रूपये, डी-1/15/04 सुनील कुमार सक्सेना पर 36,899 रूपये और सेक्टर-4 वैशाली रविंद्र शर्मा पुत्र केसी शर्मा पर 3,07,752 रूपये, सेक्टर-4 वैशाली नूपुर प्लाजा अंगदराज धवन पुत्र शिवदत्त पर 43,503 रूपये, बिजली बिल बकाया होने पर उनके फ्लैट भवन को सील कर दिया गया।इसके अलावा, राजनगर स्थित केडीपी बिल्डर्स मनोज गोएल पर 5-5 करोड़ के स्टाम्प बकाया होने के चलते उनके आफिस पर सील लगा दी गयी। बुधवार को एसडीएम सदर विवेक कुमार मिश्रा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गयी। नायब तहसीलदार और अमीन की टीम ने 23 बकायादारों पर कार्रवाई करते हुए करीब 37,10,770 रूपये राजस्व की वसूली की गयी। इसके अलावा, 13 बकायादारों के बिजली कनेक्शन काटे और 7 बकायादारों की संपत्ति सील करने की बड़ी कार्रवाई की गयी है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी द्धारा राजस्व वसूली को लेकर दिए गए आदेश पर की गयी। इस संबंध में एसडीएम सदर विवेक कुमार मिश्रा ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर राजस्व बकायादारों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर यह कार्रवाई की गयी।बता दें कि जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने बिल्डरों की सूची तैयार कर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे। क्योंकि बिल्डरों द्वारा फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं कराए जाने की वजह से इन पर 100 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व फंंसा हुआ है। यही वजह है कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद एआईजी स्टाम्प मेवालाल पटेल द्धारा ऐसे बिल्डरों की अद्यतन सूची तैयार कराई गयी। साथ ही सब-रजिस्ट्रार की ओर से भी बिल्डरों की फाइनल लिस्ट तैयार की गयी है। फिलहाल 20 ऐसे बिल्डरों का पता चला है जिनकी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में 200 से अधिक फ्लैट्स की रजिस्ट्री पेंडिंग है।हालांकि, एआईजी स्टांप मेवालाल पटेल का कहना है कि ऐसे करीब 25 बिल्डरों के नाम सामने आ रहे हैं, जिन्होंने फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं कराई है जिनमें सबसे अधिक राजनगर एक्सटेंशन के बिल्डर हैं। बता दें कि स्टाम्प विभाग ने सितंबर में सर्वे कराने के बाद 46 ऐसे बिल्डर चिन्हित किए थे, जिन्होंने आवंटियों से पूरा पैसा लेने के बाद फ्लैट्स पर कब्जा तो दे दिया, लेकिन आवंटी के पक्ष में रजिस्ट्री नहीं कराई है जो कि अनुचित है।इसलिए जिकाधिकारी की भृकुटि ऐसे बिल्डरों के खिलाफ तनी हुई है।
इसके साथ ही खोड़ा में बिना लाइसेंस के ही खोड़ा में संचालित अवैध मीट की दुकानों पर छापेमारी के बाद 2 अवैध मीट की दुकानों को सील कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी के आदेश पर की गयी। एसडीएम सदर विवेक मिश्रा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह, थाना प्रभारी खोड़ा धर्मेंद्र सिंह और नगर पालिका खोड़ा प्रवर्तन दल के साथ मीट की दुकानों पर छापेमारी की गयी जिसमें अवैध मीट की दुकान का पता चला। इस संबंध में एसडीएम सदर विवेक कुमार मिश्र ने बताया कि खोड़ा में खाद्य विभाग की टीम के साथ संयुक्त रूप से छापेमारी की गयी जिस दौरान खोड़ा में आजाद और खुशबू मीट शॉप के नाम से बिना लाइसेन्स के संचालित 2 मीट की दूकान मिली जिन्हें लगे हाथ सील कर दिया गया।
इसके साथ ही खोड़ा में बिना लाइसेंस के ही खोड़ा में संचालित अवैध मीट की दुकानों पर छापेमारी के बाद 2 अवैध मीट की दुकानों को सील कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी के आदेश पर की गयी। एसडीएम सदर विवेक मिश्रा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह, थाना प्रभारी खोड़ा धर्मेंद्र सिंह और नगर पालिका खोड़ा प्रवर्तन दल के साथ मीट की दुकानों पर छापेमारी की गयी जिसमें अवैध मीट की दुकान का पता चला। इस संबंध में एसडीएम सदर विवेक कुमार मिश्र ने बताया कि खोड़ा में खाद्य विभाग की टीम के साथ संयुक्त रूप से छापेमारी की गयी जिस दौरान खोड़ा में आजाद और खुशबू मीट शॉप के नाम से बिना लाइसेन्स के संचालित 2 मीट की दूकान मिली जिन्हें लगे हाथ सील कर दिया गया।