बढ़ती सियासी लोकप्रियता से मेरे पीछे पड़े हैं षड्यंत्रकारी: पंडित अमरपाल शर्मा

खोड़ा में खुद पर हुए जानलेवा हमले में पुलिस की निष्पक्ष भूमिका पर उठाया सवाल


राजनीतिक व्यक्ति हूं, पार्टी का आदेश मानूंगा, तबतक जनता की सेवा करता रहूंगा












गाजियाबाद। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा ने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व मुझे पचा नहीं पा रहे हैं और मेरी बढ़ती राजनीतिक लोकप्रियता की वजह से मेरे विरुद्ध तरह-तरह के षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्थानीय पुलिस मेरे आवेदन पत्र पर विचार नहीं करके अपनी ओर से महज कानूनी खाना-पूर्ति कर रही है, जिससे मेरे विरोधियों को बल मिल रहा है। 

श्री शर्मा ने राजेंद्रनगर सेक्टर 3 स्थित अपने कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गजेंद्र भाटी हत्याकांड में मुझे बेवजह घसीटा गया। लेकिन न्यायालय में मेरी पूरी आस्था है। उनके न्यायिक विवेक के चलते ही आज मैं आपलोगों के बीच हूं। देर सबेर मुझे न्याय मिलेगी और मैं निर्दोष साबित होऊंगा। लेकिन खोड़ा में छठ पूजा के दौरान मुझ पर जो जानलेवा हुआ, उस मामले में पुलिस की भूमिका संतुलित नहीं समझी जा सकती। इस मामले में पुलिस ने न तो मुझसे पूछताछ की और न ही मेरे आवेदन पर कोई कार्रवाई की। उसने सिर्फ अपनी ओर से एफआईआर दर्ज करके उनलोगों को बचाने की कोशिश की है, जो कि मेरे खिलाफ कुचक्र रच रहे हैं।

श्री शर्मा ने कहा कि योगी सरकार से जुड़े सियासी लोगों और मेरे स्थानीय विरोधियों ने मुझे फंसाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है और अब भी कुछ न कुछ उल्टा पुल्टा कर रहे हैं। मैंने आजतक किसी से चंदा नहीं मांगा, लेकिन रंगदारी मांगने का आरोप लगा। 3 बार रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लगवाया गया। यही नहीं मेरे ऊपर 25 हजार रुपए के इनाम की घोषणा भी करवाई गई। दरअसल, जो ऐसा कर करवा रहे हैं, उनकी पीड़ा है कि मुझे 1 लाख 37 हजार वोट जब मिला है तो मैं कभी भी उनकी सियासी जमीन खिसका सकता हूं। पहले भी उन्हें हरा चुका हूं, इसलिए आगे उन्हें डर लगना स्वाभाविक है। इसलिए सत्ता का बेजा दुरूपयोग करवाया।

श्री शर्मा ने कहा कि जिस तरह से छठ पूजा वाले दिन लगभग 150 लोग बुरी नीयत से वहां जमा किये गए थे, यह पुलिस के लिए जांच का विषय होना चाहिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस सरकार में इंस्पेक्टर भी सुरक्षित नहीं है, वहां मेरी क्या औकात। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं राजनीतिक व्यक्ति हूं। इसलिए 2019 के आम चुनाव में पार्टी जैसा आदेश देगी, वैसा ही करूंगा। यह बात दीगर है कि सपा-बसपा के गठबन्धन के सवाल पर भी उन्होंने सन्तुलित उत्तर दिए, जिससे साफ है कि उनका राजनीतिक रास्ता हर ओर खुला है, क्योंकि वह एक मजे सियासी खिलाड़ी हैं।