(विष्णुगुप्त)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की विशेषता यह है कि वे अपनी नीतियों और अपने घोषित कार्यक्रमों से एक कदम भी पीछे नहीं हटते हैं। दुनिया चाहे डोनाल्ड ट्रम्प को मूर्ख कहें, दुनिया चाहे डोनाल्ड ट्रम्प को फास्टि कहे, दुनिया चाहे डोनाल्ड ट्रम्प को हिंसक कहे, दुनिया चाहे डोनाल्ड ट्रम्प को अनैतिक और अपसंस्कृति के खलनायक कहे पर दुनिया के विचारों का डोनाल्ड ट्रम्प कभी भी परवाह तक नहीं करते हैं, यहां तक की डोनाल्ड ट्रम्प मीडिया की आलोचना को भी कोई भाव नहीं देते हैं। जब डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव लड रहे थे तब उन पर छीटाकशी भी खूब हुई थी, डोनाल्ड ट्रम्प को यौन विकृति का प्रतीक बताया गया था, डोनाल्ड ट्रम्प की यौन विकृति की सही-गलत कई कहानिया चुनाव प्रचार के दौरान कुख्यात थी, सबसे बडी बात यह है कि डोनाल्ड ट्रम्प को अस्थिर मानसिकता का प्रतीक भी बताया गया था। पर डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी जीत से दुनिया और मीडिया को एक सबक दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने यह जता दिया था कि उसकी पूर्व छवि कैसी भी क्यों न हों पर एक अमरिकी राष्ट्रपति के तौर पर उसकी छवि एक अमरिकी हित रक्षक की होगी, अमेरिकी गोरी अस्मिता के संरक्षक के तौर पर होगी, एक ऐसे शासक की छवि होगी जो अमरिकी हितों के सामने एक कदम भी पीछे नहीं हटने वाली होगी। अगर हम डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल की बात करें तो पायेंगे कि वे दुनिया में ऐसे शासक की छाप छोड रहे है जो चुनावी वायदों को पूरा करने के लिए वीरता पूर्वक सफलता हासिल की है। मुस्लिम आबादी आक्रमण पर उन्होंने प्रतिबंध लगाया, ईरान के साथ परमाणु समझौते तोडे, पर्यावरण संतुलन को लेकर यूरोपीय यूनियन तक को अंगूठा दिखाया, पाकिस्तान की नींद उड़ायी और सरेआम कहा कि पाकिस्तान उसके यानी अमेरिका के लिए किसी काम का नहीं है।
डोनाल्ड ट्रम्प अब अपनी गोरी दीवार को लेकर चर्चा में हैं। गोरी दीवार को लेकर डोनाल्ड ट्रम्प अडे हुए हैं, वे किसी भी समझौते से इनकार कर रहे हैं, वे कहते हैं कि मैक्सिकों सीमा पर दीवार बन कर रहेगी, इसको रोकने की शक्ति किसी में नहीं हैं, विपक्षी दल अमेरिकी डेमोक्रेंट , मैक्सिकों और लैटिन अमेरिकी देशों तथा दुनिया की मुस्लिम आबादी आदि गोरी दीवार के खिलाफ में जितना चाहे अभियान चला ले, चाहे जितना रूकावटें डाल दे पर दीवार बन कर रहेगी, हिंसक और संप्रभुत्ता के भस्मासुर आबादी की बाढ रोकी ही जायेगी, अपनी बहादुरी और परिश्रम से हमनें अपनी किस्मत लिखी है, दुनिया भर में सिक्का जमाया है, इसे किसी भी स्थिति में टूटने नहीं देंगे, नष्ट नहीं होने देंगे। अब यहां यह प्रश्न उठता है कि गोरी दीवार कहते किसे हैं, गोरी दीवार नामाकरण कैसे हुआ ?, गोरी दीवार क्या शरणार्थी के प्रति घृणा की दीवार मानी जानी चाहिए? गोरी दीवार के खिलाफ अमेरिका के डेमोक्रेट ही क्यों खडे है? गोरी दीवार को लेकर क्या मैक्सिकों की चिंता भी कोई बडी है? गोरी दीवार क्या मैक्सिकों की संप्रभुत्ता का भी हनन करती है? गोरी दीवार अगर अस्तित्व में आ भी गयी तो क्या अमेरिका में हिंसक और घृणास्पद शरणार्थियों की घुसपैठ पूरी तरह से रूक जायेगी? लैटिन अमरिकी देश और मुस्लिम दुनिया गोरी दीवार को लेकर इतना उग्र क्यों हैं? क्या अमेरिका पर सही में आबादी आक्रमण भारी पड रहा है और शरणार्थियों के आक्रमण से अमेरिका की गोरी अस्मिता सही में खतरे में है या फिर गोरी अस्मिता के सामने अल्पसंख्यक होने का खतरा उत्पन्न हो गया है?
मैक्सिकों की लगी सीमा पर लगभग 3000 हजार किलोमीटर की लंबी दीवार बनाने की ट्रम्प नीति अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में विख्यात रही हैं। इस दीवार की घोषणा डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव के दौरान की थी। इस लंबी और आश्चर्य युक्त योजना पर कोई छोटी-मोटी राशि खर्च होने वाली नहीं है, खर्च होने वाली राशि का आंकडा जानकर आप आश्चर्य चकित हो सकते हैं। इस दीवार पर खर्च होने वाली राशि भी देख लीजिये। दीवार पर 5 7 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होने वाला है। इतनी बडी राशि खर्च होने का अर्थ यह निकाला जा रहा है कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था चरमरा जायेगी और अमेरिकियों को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना होगा। जबकि डोनाल्ड ट्रम्प कहते हैं कि अवैध शरणार्थी कोई अहिंसा के पूजारी नहीं है, अवैध शरणार्थी कोई परिश्रम के प्रतीक नहीं है, अवैध शरणार्थी कोई बौद्धिक सम्पदा के प्रतीक नहीं है, ये अमेरिकी समाज में हिंसा घोलते हैं, अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर बोझ बनते हैं। अवैध शरणार्थियों की बाढ से हमारी अर्थव्यवस्था जितनी चौपट होती हैं, संकट में आती है उसके अनुपात में दीवार पर खर्च होने वाली राशि कुछ भी नहीं है। डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा कर रखी है कि दीवार पर खर्च होने वाली राशि मैक्सिकों से भी वसूली जायेगी, क्योंकि मैक्सिकों की साजिश के कारण अवैध शरणार्थी अमेरिका में प्रवेश करते हैं। सच तो यह है कि मैक्सिकों के रास्ते से दुनिया की मुस्लिम आबादी और लैटिन अमेरिका के विफल देशों के नागरिक अवैध तौर अमेरिका में प्रवेश करते हैं। मैक्सिकों की सीमा से डग्स की तस्करी भी खूब होती है, ड्रग्स की चपेट से अमेरिकी युवक अछूते नहीं हैं।
ट्रम्प की विरोधी ही नहीं, बल्कि लैटिन अमेरिका के विफल देश और मुस्लिम दुनिया ने मैक्सिकों की सीमा पर बनने वाली दीवार को गोरी दीवार की संज्ञा देने के काम किये हैं, ऐसे समूहों और लैटिन अमेरिका के विफल देशों का कहना है कि अमेरिका की गोरी आबादी की सर्वश्रेष्ठता को सुनिश्चित करने के लिए ही यह दीवार खडी करने की योजना बनी है और इसको लेकर इतना आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। अब यहां यह प्रश्न उठता है कि मैक्सिकों की सीमा पर बनने वाली अमेरिकी दीवार को गोरी दीवार मानी जानी चाहिए या नहीं? यह सही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी चौधराहट के प्रतीक हैं, डोनाल्ड ट्रम्प घोर दक्षिण पंथी है, दक्षिण पंथी को राष्ट्रवादी कहा जाता है, डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के पीछे दक्षिण पंथी समूह की शक्ति थी। अमरिका में अभी दक्षिण पंथ का उभार सर्वश्रेष्ठ है। अमेरिकी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए मुस्लिम आतंकवादी हमले में पांच हजार से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद दक्षिण पंथ का उदय हुआ था और दक्षिण पंथ शरणार्थियों को लेकर एक अलग ढंग से अभियानी रहा है। अमेरिकी दक्षिण पंथ की चिंता के कारण भी हैं। अमेरिका ने कभी अपने यहां शरणार्थियों के स्वागत में कोई कमी नहीं छोडी थी। खास कर दुनिया भर की मुस्लिम आबादी शरणार्थी के तौर पर अमेरिका पहुंच कर बडे नाम कमाये। पर यह भी सही है कि मुस्लिम शरणार्थीयों ने अमेरिका की संप्रभुत्ता को लहूलुहान करने की कोई कसर नहीं छोडी है। अमेरिका के अंदर सैकडों आतंकवादी और हिंसक घटनाएं हुई हैं। इन आतंकवादी घटनाओं में मुस्लिम आतंकवादियों के शामिल होने की बात उजागर हुई है। इसी कारण अमेरिका ने कई देशों की मुस्लिम आबादी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का काम किया है।
अभी-अभी अवैध शरणार्थियों द्वारा अमेरिकी पुलिस अधिकारी कारपोरल रानिल रान सिंह की गोली मार कर हत्या कर गयी थी। रानिल रान सिंह नामक पुलिस अधिकारी भारतीय मूल का था और वह मैक्सिकों से आने वाले अवैध शरणार्थियों के गिरोह की घेराबंदी कर रखी थी। अवैध शरणाथियों की गोली से रानिल रान सिंह की हत्या हुई थी। शरणार्थियों की गोली से हुई रानिल रान सिंह की हत्या ने पूरे अमेरिका को झकझोर कर रख दिया था। अमेरिका की खास कर गोरी आबादी के बीच मैक्सिकों की सीमा पर दीवार बनाने की मांग तेज हुई थी और अवैध शरणार्थियों को जेलों में डालने और उन्हें उनके देश भेजने की मांग जोरदार उठी थी। डोनाल्ट ट्रम्प भी इस हत्या को विचार विमर्श के केन्द्र में लाने से पीछे नहीं रहे थे। डोनाल्ड ट्रम्प ने रानिल रान सिंह को बहादुर अमेरिकी कहकर संबोधित किया था और कहा था कि अवैध शरणार्थियों को अमेरिका में प्रवेश कराने वालों को अमेरिकी कानूनों का पाठ पढाया जायेगा। मानवाधिकार संगठन और अवैध शरणाथियों के समर्थक समूह अमेरिका पर बर्बर और अमानवीय प्रवृति की आलोचना करते हैं पर डोनाल्ड ट्रम्प के शासन में हजारों अवैध शरणार्थी अमेरिकी जेलों में कैद हैं।
यह सही है कि अमेरिका की गोरी संप्रभुत्ता को अल्पसंख्यक होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। एक तो अवैध शरणार्थी अधिक बच्चे पैदा कर अपनी आबादी बढाते हैं और दूसरे में अपनी मूल संप्रभुत्ता को छोडते नहीं है। ऐसे अवैध शरणार्थी अमेरिका की गोरी आबादी के लिए भस्मासुर बन जाते हैं। अगर डोनाल्ड ट्रम्प मैक्सिकों की सीमा पर दीवार बनाने में कामयाब हुए और अवैध शरणार्थियों की बाढ रोकने में सफल हुए तो फिर अमेरिका की संप्रभुत्ता सर्वश्रेष्ठ तौर कायम रहेगी और डोनाल्ड ट्रम्प की गिनती अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति के तौर पर होगी।
