इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर दो मिनट का मौन भी रखा गया। उसके बाद अपर आयुक्त आरएन धामा ने बताया कि पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण
क्षेत्रों मे ग्रामीण पेयजल कायर्क्रम के अन्तर्गत निरन्तर स्वच्छ पेयजल आपूर्ति हेतु निर्मित पाईप पेयजल योजनाओं के ग्राम पंचायतों को हस्तान्तरित करने की प्रक्रिया, संचालन एवं अनुरक्षण हेतु संस्थागत ढांचा तथा धनराशि की व्यवस्था हेतु प्रदेश सरकार द्वारा संशोधित ग्रामीण पेयजल एवं अनुरक्षण नीति 2018 बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि घर-घर कनेक्शन हो जाने व सुचारू जलापूर्ति होने के बाद ही योजना को पूर्ण माना जाए।
अधीक्षण अभियन्ता, जल निगम के पी सिंह ने बताया कि भारत सरकार एवं विश्व बैंक वित्त पोषित ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता परियोजना के अन्तर्गत आधारित ग्रामीण पाईप पेयजल योजनाओं के सुचारू संचालन
एवं अनुरक्षण हेतु प्रत्येक परिवार से 50 रूपये प्रतिमाह अंशदान लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनायी गयी पाईप पेयजल योजनाओं की कार्यदायी संस्था, जल निगम को बनाया गया है।
कार्यशाला का संचालन करते हुए जिला विकास अधिकारी मेरठ दिग्विजय नाथ तिवारी ने बताया कि
पाईप पेयजल योजनाओं के पूर्ण हो जाने के बाद उसको ग्राम स्तर पर गठित ग्राम पंचायत पेयजल एवं स्वच्छता
समिति को हस्तानान्तरित किया जाता है। इस समिति के अध्यक्ष सम्बन्धित ग्राम प्रधान व सचिव, ग्राम सचिव होते हैं। उन्होंने बताया कि मेरठ मण्डल में 355 ग्राम पंचायतों में पाईप पेयजल योजनाएं अभी तक बनायी गयी
हैं। जिनमें से जनपद मेरठ में 99, गाजियाबाद में 35, गौतमबुद्धनगर में 17, हापुड़ में 59, बागपत में 76 व
बुलन्दशहर में 69 हैं। वर्तमान में मण्डल में 355 पाईप पेयजल योजनाओं में से 344 संचालित हैं तथा 11 को शीघ्र ही चालू किया जाएगा।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी गौतमबुद्धनगर अनवर शेख; भालचन्द्र त्रिपाठी, अधिशासी अभियन्ता जल निगम, मेरठ; सीताराम, गाजियाबाद, भारत भूषण, गौतमबुद्धनगर, आर पी सिंह, ग्राम प्रधान मुन्हेड़ा सरूरपुर; रेखारानी, ग्राम प्रधान करियावली पहासु, बुलन्दशहर वीरेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान भैंसा, मेरठ; उमेश, ग्राम प्रधान शौलदा रोशन सहित अन्य अधिकारीगण, ग्राम प्रधान आदि उपस्थित रहे।