टिफ्टी अध्यक्ष श्री श्रीवास्तव ने कहा कि पर्यटन को व्यापक बनाने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अपने अपने प्रदेशों में इसे पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी में पर्यटन के प्रति जागरूकता बनी रहे और प्राकृतिक व्यवस्था का वजूद भी बना रहे। उन्होंने कहा कि रोजगार की दृष्टि से भी पर्यटन उद्योग सबसे ज्यादा रोजगार दिलाता है। फिर भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस को जोरशोर से मनाने वाली व्यवस्था में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस को बहुत महत्व नहीं दिया जाता, जो सरकारों का अव्यवहारिक पहलू है।
उन्होंने आगे कहा कि जमीनी स्तर पर पर्यटन को इजाफा पहुंचाने के लिए सिर्फ कुम्भ जैसे आयोजनों पर ही जनता की भागीदारी दिखाई पड़ती है, इसलिए टिफ्टी की पहल ऐसे पर्यटन को व्यापक रूप देने की है। क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी के फाइव टी में पर्यटन विकास भी शामिल है लेकिन विकसित होने से कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि टूरिज्म में कार्यरत संस्थाओं को टैक्स फ्री दायरे में लाया जाए और समय समय पर प्रोत्साहन के माध्यम से भी इन्हें अवसर प्रदान किये जायें।
इस अवसर पर समाजसेवी हरिओम गुप्ता, सुभाष शर्मा, दिनेश लखेड़ा, डॉ नमित वार्ष्णेय, परविंदर तुली, के एल शर्मा, प्रदीप सिसोदिया, श्याम सुंदर सिंह, लोकेश चौधरी, शुभम सिंह, विनोद कुमार, उमेश गोस्वामी, विमला भट्ट, मीनू शर्मा, पवित्रा प्रार्थना, ज्वाल कामिनी, भदोरिया सहित क्षेत्र के सम्मानित लोग काफी संख्या में उपस्थित रहे।