इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ नरेंद्र पांडे प्रांत संगठन मंत्री ने कहा कि संस्कृत संसार की प्राचीन भाषा है जिसके पद पद में ज्ञान-विज्ञान निहित है। आज विदेशी लोग भी संस्कृत का अध्ययन कर इस विषय में शोध कर रहे हैं। इस मौके पर भाजपा महानगर अध्यक्ष मानसिंह गोस्वामी ने कहा कि संस्कृत भारत की आत्मा है। संस्कृत में सभी संस्कार थे। देश को प्रगति पथ पर ले जाने के लिए संस्कृत भाषा की अति आवश्यकता है।
इसी क्रम में मोदीनगर विधानसभा की विधायिका डॉ मंजू सिवाच ने संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कृत की उन्नति से भारत की उन्नति को जोड़ा जाना चाहिए। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रही एक 5 वर्ष की बालिका दक्षा, जिसने अपना परिचय संस्कृत भाषा में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में कुछ लोगों के द्वारा अपने अनुभवों को साझा भी किया गया, जो पूर्ण रूप से संस्कृत भाषा में था। जिन लोगों के द्वारा अनुभव कथन किया गया, उनमें से कोई भी संस्कृत विषय का नहीं था, लेकिन केवल 7 दिन के शिविर पाठन के आधार पर ही उनके द्वारा पूर्ण रूप से अपने अनुभव संस्कृत भाषा में प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम में संस्कृत भारती के अनेक कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा। जिनमें विवेक गौरव, अमित, मनीष, उदय, शशिकांत, राहुल, प्रवीण, तरुण, प्रवीण, व्यास प्रमुख थे। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ से विशिष्ट प्रशिक्षण के लिए 8 शिक्षकों का सहयोग भी विशेष रूप से सराहनीय रहा। जिसमें शिवानी, सुनीति, अंजली, सचिन, शशिकांत, राहुल, मनीष, मुख्य प्रशिक्षक अमित कुमार आदि प्रमुख रहे।