अनशनरत बाबा आर्य ने कहा कि सेना के जवानों को आतंकवादियों से लड़ने में बहुत बड़ी समस्या ये है कि वहां पर आतंकी कौन है, ये पहचान करना बहुत मुश्किल काम है। उन्होंने बताया कि जब सैनिकों पर फायरिंग हो जाती है, तब उन्हें पता चलता है कि आतंकवादियों ने फायरिंग कर हमारे जवानों को घायल कर दिया है।
हालांकि जब सैनिक आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए फायर करते हैं तो वहां के भटके हुए लड़के व लड़कियां हमारे सैनिकों पर पत्थरबाजी कर आतंकवादियों को सुरक्षित रास्ते से निकल देते हैं। फिर वहां के जेहादी मानसिकता वाले लोग उन आतंकियों को अपने घरों में छुपा लेते हैं। इस कारण प्रतिदिन हमारे वीर सैनिक बिना युद्ध के ही शहीद हो जातें हैं।
बाबा आर्य ने आगे कहा कि इन समस्याओं को सरकार के सामने पुरजोर ढंग से उठाना सभी पूर्व सैनिकों का दायित्व है। यदि हमने अपने छोटे भाइयों की समस्या का समाधान नहीं किया तो ये हम सभी पूर्व सैनिकों की अकर्मण्यता होगी। उन्होंने बताया कि जब तक मेरी निम्न मांगें नहीं मानी जाएगी तबतक मेरा अनशन जारी रहेगा।
उनकी मांगे हैं:- पहला, सैनिको की जान की रक्षा के लिए केंद्र सरकार कड़े कानून बनाये। इसके लिए शून्य सहनशक्ति का प्रर्दशन करने के लिए भी आवश्यक कानून बनाये जाएं। दूसरा, पाकिस्तान को शत्रु देश घोषित करें। तीसरा, पाकिस्तान के साथ सभी तरह का व्यापारिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा अन्य गतिविधियां तुरंत समाप्त किये जाएं। चतुर्थ, सभी तरह के समझौते और संधियों को समाप्त किया जाए। पांचवां, सेना पर पत्थरबाजी करने वालों पर फायरिंग की छूट दे। आतंकवादियों के मुकदमों के लिए नये और कड़े कानून बनाकर फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में न्याय की व्यवस्था करें। और सातवां, आतंकवादियों के समर्थकों और उनके साथियों को भी आतंकवादी मानकर कार्यवाही करें।
अनशन स्थल पर बाबा परमेन्द्र आर्य (पूर्व सैनिक) को समर्थन देने के लिए रूद्र नारी उत्थान सेवा समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अर्चना चौधरी, ललित चौधरी, सुमित शर्मा, अरूण सक्सेना, नरेश हिन्दू आदि पहुंचे और उनका हौसला बढ़ाया।