कैट ने सुरेश प्रभु को पत्र भेजकर घरेलू ई कॉमर्स कंपनियों पर भी प्रतिबन्ध की मांग की

कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री सुरेश प्रभु को आज एक पत्र भेजकर उनका ध्यान कुछ ई कॉमर्स पोर्टलों द्वारा ई कॉमर्स में एफडीआईपालिसी के उल्लंघन करने का आरोप लगाया है जबकि पालिसी 1 फरवरी ,2019 से लागू हो चुकी है ! कैट ने श्री प्रभु से यह भी मांग की है की उक्त पालिसी को घरेलू ई कॉमर्सकंपनियों पर भी लागू किया जाए जिससे देश के ई कॉमर्स बाज़ार में एकरूपता बनी रहे !पालिसी को देश में सख्ती से लागू करने की सरकार की मंशा का समर्थन करते हुए कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने श्रीप्रभु को भेजे पत्र में कहा है की अब जबकि पालिसी देश में 1 फरवरी से लागू हो चुकी है और एफडीआई प्राप्त सभी ई कॉमर्स कंपनियों को उसका पालन करना अनिवार्य हैजबकि अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां अभी भी अपने पोर्टल पर काफी सामान एकल रूप से बेच रही है जो पालिसी का सरासर उल्लंघन है ! मीडिया रिपोर्ट के अनुसार"ओप्पो" कम्पनी अपनी के सीरीज के मोबाइल फ्लिपकार्ट के पोर्टल पर एकल रूप से बेचने के लिए तैयार है ! इसी तरह के उल्लंघन अन्य ई कॉमर्स पोर्टल पर भी हो रहे होंगेहो की बेहद चिंताजनक है !श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने श्री सुरेश प्रभु को सुझाव दिया है की इस प्रकार के उल्लंघन आदि को देखने एवं शिकायतों के तुरंत निस्तारण के लिए फिलहाल वाणिज्यमंत्रालय में एक स्पेशल सेल गठित किया जाए जिससे पालिसी सही तरीके से देश भर में लागू हो सके !कैट ने श्री प्रभु से मांग की है की ई कॉमर्स बाजार की देख रेख और समुचित संचालन के लिए अविलम्ब एक रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जाए वहीँ पिछले काफी समयसे लंबित ई कॉमर्स पालिसी को तुरंत घोषित किया जाए !  उन्होंने यह भी मांग की है की ई कॉमर्स में एफडीआई पालिसी में उल्लेखित शर्तों को घरेलू ई कॉमर्स कंपनियों पर भीलागू किया जाए जिससे बाज़ार में समान प्रतिस्पर्धा हो बराबरी रहे !कैट ने यह भी कहा है की गत दो वर्षों में ई कॉमर्स कंपनियों ने बड़े स्तर पर पालिसी का उल्लंघन अपने निजी लाभ के लिए किया है और इस दृष्टि से इन ई कॉमर्स कंपनियोंके पिछले दो वर्षों के कार्यकलापों की जांच करने के लिए एक स्पेशल जांच टीम का गठन किया जाए और दोषी पाई गई


 कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए !