बकौल महापौर आशा शर्मा, जयचंद वो हैं जो आतंकवादियों के खात्मे पर सेना का विरोध करते हैं।जयचंद वो हैं जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं और उन्हें सूचना देते हैं। जयचंद वो लोग हैं जो आतंकवादी समर्थक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को फरिश्ता कहने की हिमाकत करते हैं। जयचंद वो हैं जो हमारे सेनाध्यक्ष को गली का गुण्डा बताते हैं। जयचंद वो हैं जो आतंकवादियों को बचाने वाले पत्थरबाजों से सहानुभूति रखते हैं। जयचंद वो हैं जो भारत के टुकड़े-टुकड़े के नारे लगाने वालों की तरफदारी करते हैं और उनका समर्थन करते हैं।
इसलिए श्रीमती शर्मा ने कहा कि भाइयों-बहनों, आज समय आ गया है कि हम सब एकजुट होकर देश-विरोधी जयचंदों को सबक सिखाएं अन्यथा हमारे सेना के जवान, अर्द्धसैनिक सुरक्षाबल के वीर जवान ऐसे ही शहीद होते रहेंगे, जैसे कि पिछले 70 वर्षों से होते चले आ रहे हैं। इस देश के निर्दोष नागरिक भी बम-ब्लास्टों से व आतंकवादी गतिविधियों के शिकार होते हैं। लिहाजा, ऐसी परिस्थिति पैदा करें कि हमारे सुरक्षाबल गद्दारों पर गोली चलाने से इसलिए न रुक जाएं कि कुछ देशद्रोही अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर सैनिकों के विरोध में आवाज न उठा पाएं।
अब समय आ गया है कि हम पाकिस्तान को सबक सिखाएं। सुरक्षाबलों को हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही खुली छूट दे दी है, लेकिन हम सबको उन सबके साथ खड़ा होना पड़ेगा, उनका मनोबल बढ़ाना होगा।