मरणधर्मा मनुष्य को अमरता का सन्देश देती है श्रीमद्भगवदगीता: सुधांशु महाराज

नींद से 10, ध्यान से 60 और समाधि से 80 प्रतिशत मिलती है ऊर्जा


जयपुर। विश्व जागृति मिशन के जयपुर मण्डल द्वारा आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आज अपराह्नकाल सूरज मैदान में विधिवत शुभारंभ हो गया। देश के ख्याति प्राप्त आध्यात्मिक संगठन विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक प्रख्यात अध्यात्मवेत्ता श्रद्धेय आचार्य श्री सुधांशु महाराज ने आदर्श नगर के इस ऐतिहासिक स्थल पर भारी संख्या में उपस्थित सत्संग-प्रेमियों को महत्वपूर्ण आध्यात्मिक सन्देश दिया। उन्होंने कहा कि नींद से 10 प्रतिशत, ध्यान से 60 प्रतिशत और समाधि से 80 प्रतिशत ऊर्जा प्राप्त होती है। उन्होंने जीवन के नैराश्य को मार भगानेया। इसके पूर्व सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुरेन्द्र नाथ भार्गव, जिला जज डॉ. बी एम बंसल, पूर्व अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एन के खींचा, राजधानी के सहायक सूचना आयुक्त मनमोहन हर्ष एवं रोटरी क्लब जयपुर के प्रेसिडेंट सुधीर गुप्ता, पूर्व प्रेसिडेंट एम के शर्मा एवं गोविन्द सिंह श्रीमाल सहित गण्यमान व्यक्तियों ने सुधांशु महाराज का अभिनंदन किया। का आह्वान करते हुए श्रीमद्भगवदगीता के चुनिन्दा प्रसंग सुनाए और कहा कि गीता मरणधर्मा मनुष्य को अमरता का अनूठा सन्देश देती है। सकारात्मक सोच वाले जीवन्त व्यक्ति को धरती के अमूल्य हीरे की संज्ञा देते हुए सुधांशु जी महाराज ने हर दिन को एक अभिनव संकल्प से जोडऩे की प्रेरणा सत्संग सभागार में मौजूद समस्त जनसमुदाय को दी। नकारात्मकता को उन्होंने जीवन की सबसे बड़ी बुराई बताया। सुधांशु जी महाराज ने आज गीता के 12वें अध्याय के 12वें श्लोक का बड़े ही सुन्दर ढंग से विवेचन किया। इसके पहले व्यास पूजन के पूर्व उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन करके सत्संग महोत्सव का उदघाटन कि