प्रोफेसर कुलदीप सलिल की दो काव्य पुस्तकों का विमोचन एवं सी डी का लोकार्पण





उत्तरी दिल्ली - दिल्ली यूनिवर्सिटी  हंसराज कॉलेज के पदमश्री ज्ञान प्रकाश चोपड़ा सभागार में  हिंदी- अंग्रेजी और उर्दू के वरिष्ठ  कवि, अनुवादक साहित्यकार प्रोफेसर कुलदीप सलिल की पेंगुइन बुक्स समूह द्वारा प्रकाशित दो काव्य पुस्तकों और सरस्वती प्रोडक्शन द्वारा तैयार की गई छह ग़ज़लों की सी डी का विमोचन फ्रांस से पधारे विद्वान् डॉ कॉम कारपेंटर डी गोर्डन और अमेरिका से पधारे डॉ बलराम सिंह , प्रिंसिपल डॉ रमा, तथा दिल्ली आकाशवाणी के पूर्व महानिदेशक  लक्ष्मी शंकर बाजपेयी और उर्दू अकादमी के पूर्व सचिव डॉ सादिक़  ने किया।                                   

अन्य विशिष्ट अतिथिगण  थे साक्षी की  चेयरमैन व् सामाजिक एक्टिविस्ट डॉ मृदुला टंडन, देवेंदर बहल , संपादक अभिनव इमरोज़, प्रसिद्ध गीतकार सरदार हरभजन सिंह देओल, प्रसिद्ध  शायर श्री आर एस अरोड़ा ""दिलदार देहलवी"" .दोनों  काव्य पुस्तकों के नाम हैं ""धूप के साये में "" और ""अंग्रेजी के श्रेष्ठ कवि और उनकी श्रेष्ठ कविताये "" और सी डी का नाम रखा गया ""आवाज का रिश्ता"" 

कार्यक्रम की अध्यक्षता हंसराज कॉलेज की  प्रिंसिपल डॉ रमा  ने की। कार्यक्रम का शुभारम्भ युवा प्रोफेसर  डॉ विजय कुमार मिश्रा ने अपने प्रभावी वक्तव्य से किया।

प्रसिद्ध कवि  लक्ष्मी शंकर बाजपेयी , सरदार हरभजन सिंह देओल तथा  ओम सपरा ने सलिल की ग़ज़लो को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया।  दोनों विशिष्ट वक्ताओं का सारगर्भित व् ओजस्वी तथा विशेष व्याख्यान का विषय था- "" भारतीय युवा वर्ग के लिए आंतरिक नेतृत्व के अवसर""  जिसे सभी ने पसंद किया। विमोचन के उपरांत प्रसिद्ध युवा  गायिका  सुश्री चेतना शुकला और श्री राजेश कुमार ने प्रोफेसर कुलदीप सलिल की कुछ ग़ज़लों का सजीव गायन किया।  इस भावपूर्ण प्रस्तुति से सभी श्रोता भाव-विभोर हो गए  उमेश मेहता ने दोनों गायकों का और सरस्वती स्टूडियो के सूत्रधार आर्टिस्ट  अरुणवीर का विस्तार से परिचय दिया। प्रोफेसर कुलदीप सलिल ने अपनी कुछ चुनी हुई गज़लें और शेर और कते बहुत ही दिलकश अंदाज़ में सुनाई और उनके  81 वे जन्म दिन पर सभी मित्रों ने बधाई और शुभ कामनाये दीं। .                                

तत्पश्चात मुख्य वक्ताओं डॉ पूरन सिंह वर्मा, .डॉ सादिक, डॉ मृदुला टंडन , गीतकार सरदार हरभजन सिंह देओल , शायर दिलदार देहलवी ने प्रोफेसर कुलदीप सलिल के व्यक्तित्व और काव्य जगत की चर्चा की और उनको एक सर्वश्रेठ अनुवादक भी बताया। .                     

        कार्यक्रम का संचालन कवि और लेखक व पूर्व मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट   ओम सपरा ने किया।