तू मेरी साँस को........






तू मेरी साँस को महकाती रही रात भर ।

मेरी रूह धड़कन में समाती रही रात भर ।।

 

दिल के आइनें में मुस्काती रही रात भर ।

मेरे एहसासों को पिघलाती रही रात भर ।।

 

शोख़ नज़र में जो शरारत लबों पे तब्बसुम ।

धड़कनें दिलों की गुनगुनाती रही रात भर ।। 

 

मेरे लबों नें जो तेरे लबों को छुआ तो ।

छायी जो मदहोशी दहकाती रही रात भर ।।

 

जुल्फों का रुख़सार पे चिलमन सा ढलकना ।

बिखरी जो गालों पे बहकाती रहीं      रात भर ।।

 

बड़ा मासूम सा मेरा हंसीं नाज़नीन है ।

गालों के भवँर में उलझाती रही रात भर ।।

 

कभी वो बिखरती कभी वो सवँरती हुई सी ।

मुझे क़रीब महसूस कराती रही रात भर ।।