नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के करोलबाग में गुरुद्वारा रोड स्थित होटल अर्पित पैलेस में लगी भीषण आग अब तक 17 लोगों की जान ले चुकी है और मरने वालों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। लापरवाही और नियम की अनदेखी की भेंट चढ़े 17 लोगों की मौत ने एक बार फिर दिल्ली को झकझोर कर रख दिया है। अर्पित पैलेसे होटल की आग ने दो दशक पहले 13 जून, 1997 को हुए दिल्ली में उपहार सिनेमा अग्निकांड की याद दिला दी, जिसमें 59 लोग जिंदा जल गए थे। उपहार सिनेमा आग और दिल्ली के होटल अर्पित अग्निकांड में फर्क इतना है कि उपहार में रात को आग लगी थी और अर्पित होटल में तड़के। दोनों ही हादसों में एक और समानता यह है कि आग का पता काफी देर बात चला। 13 जून, 1997 को फिल्म बॉर्डर% का शो जारी था, जब ट्रांसफॉर्मर रूम में आग लगने से लपटें फैल गईफिल्म में धमाकों की आवाज थी और दर्शकों को हादसे का पता भी देर से चला। इस हादसे में 59 लोग मारे गए, जबकि 103 जख्मी हुए क्योंकि बाहर निकलने के रास्ते बंद थे। 13 जून 1997 को शुक्रवार के दिन उपहार सिनेमा हॉल में बॉर्डर फिल्म का शो चल रहा था। शाम पांच बजकर 10 मिनट पर अचानक सिनेमा हॉल में लगे एक बिजली के ट्रांसफार्मर में विस्फोट के साथ आग लगी। उस समय सिनेमा हॉल में उसकी क्षमता से कहीं अधिक लोग थे। आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई और 103 लोग घायल हो गए थे। इस अग्निकांड में बहुत से लोग घुटन और भगदड़ में मारे गए थे।
उपहार हादसे की याद दिला गया करोलबाग़ के होटल का भीषण अग्निकांड