गाजियाबाद। जिला निर्वाचन अधिकारी रितु माहेश्वरी ने लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2019 के मद्देनजर जनपद गाजियाबाद के सभी प्रिन्टिग प्रेस के स्वामियों को निर्देशित किया है कि निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देशों के क्रम में निर्वाचन पम्फलेटों, पोस्टरों आदि का मुद्रण एवं प्रकाशन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-127 क के उपबन्धों द्वारा विनियमित किया जायेगा।
श्री मती माहेश्वरी ने निर्देश दिया कि सभी प्रिन्टिग प्रेस के मुद्रक किसी ऐसे निर्वाचन पम्पलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा अथवा मुद्रित या प्रकाशित नहीं करवायेगा, जिसके मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक एवं इसके प्रकाशक का नाम व पता न लिखा हो। जब तक कि प्रकाशक के पहचान की घोषणा उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हो, के द्वारा सत्यापित न हो।
इसके अलावा, हाथ से लिखी गई प्रतियों के अलावा दस्तावेज की प्रतियों की संख्या बढ़ाने के लिए किसी प्रक्रिया को मुद्रण समझा जायेगा। यदि कोई प्रिन्टिग प्रेस का मुद्रक उप-धारा-1 व उपधारा-2 के किसी भी उपबंध का उल्लंघन करता है तो वह 6 महीने तक कारावास अथवा 2000 रूपये का जुर्माना जिसे दो हजार रूपये तक बढ़ाया जा सकता है, दोनों से दण्डनीय होगा।
जिला निर्वाची अधिकारी ने आगे बताया कि निर्वाचन पम्फलेटों, पोस्टरों इत्यादि के मुद्रण पर ये प्रतिबन्ध इन दस्तावेजों के प्रकाशकों एवं मुद्रकों की पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से कानून द्वारा अधिरोपित किये गये हैं। ताकि यदि धर्म, वंश, जाति, समुदाय या भाषा या विरोधी के चरित्र हनन इत्यादि के आधार पर अपील जैसे किसी ऐसे दस्तावेज जिनमें ऐसी सामग्री शामिल हो जो अवैध, आपराधिक या आपत्तिजनक हो तो ऐसे व्यक्तियों के विरूद्व आवश्यक दण्डात्मक या निरोधक कार्यवाही की जायेगी।
श्री मती माहेश्वरी ने आगे बताया कि प्रिन्टिग प्रेस धारा-127 क- 2 के तहत मुद्रण सामग्री मुद्रित होने के 3 दिनों के अन्दर मुद्रित प्रतियां तीन अतिरिक्त प्रतियों सहित घोषणा-पत्र के परिशिष्ट क एवं मुद्रण के संबंध में सूचना परिशिष्ट ख भरकर व हस्ताक्षरित कर मुख्य कोषाधिकारी गाजियाबाद को उपलब्ध कराएंगे।