गाजियाबाद। जनपद में कुछेक निजी स्कूलों और वहां पर पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों में फीस में हुई अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी और फिर परस्पर चल रहे कानूनी दांव-पेंच के बीच स्कूल प्रबंधन के हठी रवैये से टकराव के आसार बढ़ते जा रहे हैं। अपने वैधानिक अधिकारों के प्रति सजग अभिभावकों ने भी बच्चों सहित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है। यदि प्रशासन सचेत नहीं हुआ तो इस चुनावी माह में सरकार को जनाक्रोश भी झेलना पड़ सकता है, जो सत्ताधारी वर्ग पर भारी भी पड़ सकता है।
उधर, सनवैली स्कूल, वैशाली द्वारा भी आज लगभग 130 बच्चों का रिजल्ट रोक दिया गया और बच्चों की परीक्षा की पुस्तिका भी नहीं दिखाई। स्कूल का आरोप है कि बच्चों की फीस जमा नहीं है, जबकि अभिभावक डीएफआरसी के निर्णय के अनुसार फीस जमा कराने के लिये तैयार हैं। इसी को लेकर सभी अभिभावक बच्चों के साथ 28 मार्च को स्कूल के सामने आमरण अनशन पर बैठेंगे। इस आशय का ज्ञापन जिलाधिकारी के यहां आज दे दिया गया।
उधर, सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल द्वारा फीस वृध्दि शिकायत डीएफआरसी में लंबित होंने के बाद भी अभिभावकों को डीएफआरसी का निर्णय बता वार्षिक शुल्क और कम्पोजिट फ़ीज़ वसूला जा रहा है। साथ ही, स्कूल परिसर में किताब कॉपी की बिक्री भी धड़ल्ले से कर रहा है जो कि फीस अधिनियम 2018 का सरासर उल्लंघन है।अभिभावकों ने डीएफआरसी के निर्णय आने तक तुरंत प्रभाव से स्कूल के फीस स्ट्रक्चर पर रोक लगाने की मांग की। क्योंकि डीएफआरसी का निर्णय 28 नवंबर 2018 से लंबित है। इसको लेकर डीएफआरसी की उदासीनता पर भी अभिभावकों में रोष है।
अधिकारियों को आज ज्ञापन देने में शीलू सिंह, सोनिया सिंह, साधना सिंह, संजय पंडित, डॉ राजीव शर्मा, अनिल सिंह, विवेक त्यागी, जतिन त्यागी, बिट्टू त्यागी, जय बिष्ठ, जगदीश पटवाल, मनीष शर्मा, अमित चौधरी, कौशल ठाकुर, राहुल गुप्ता, अजीत रावत आदि लोग शामिल रहे।