पटना।लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अभी भी सहयोगी दलों में सीटों को लेकर पेच फंसा है। राजद ने महागठबंधन की ओर से वामपंथी दलों को एकमात्र आरा लोकसभा सीट ऑफर की है, जिसे बिना वक्त गंवाए वामपंथी दलों ने खारिज कर दिया है। इस बीच वामपंथी दलों ने एकला चलो की राह अख्तियार करने का मन बना लिया है। भाकपा ने तो बाकायदा चयनित छह सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तक तय कर दिए हैं। जबकि माकपा ने उजियारपुर लोकसभा सीट पर चुनावी तैयारी तेज कर दी है। हालांकि भाकपा माले ने अभी अपना पता नहीं खोला है पर उसने भी महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनने पर सात-आठ सीटों पर उम्मीदवार देने का फैसला किया है। महागठबंधन में कम आंके जाने से वामदल नाराज बिहार महागठबंधन में अपने को कम आंके जाने से वामपंथी दल के नेता नाराज हो गए हैं। ऊपर से कांग्रेस का रुख भी वामपंथी नेताओं को असहज कर रहा है। यदि सप्ताह भर में महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला नहीं सुलझा तो वामपंथी दल अपने सीटों व उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देंगे। माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि महागठबंधन में माकपा को दरकिनार करके सीट शेयरिंग पर वामदल समझौता नहीं करेंगे।पार्टी के स्तर से उजियारपुर सीट पर चुनावी तैयारी जोरों पर है। कांग्रेस की दावेदारी क्या है और उनके नेता क्या बयानबाजी कर रहे हैं, ये उनका आंतरिक मामला है। भाकपा माले के सचिव कुणाल भी मानते हैं कि कई दौर की बातचीत के बाद महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी है। वैसे महागठबंधन से चुनावी करार नहीं हुआ तो वामपंथी दल एकजुटता के साथ चुनाव लड़ेंगे और इसकी तैयारी भी है। वैसे वामपंथी दलों के नेताओं ने महागठबंधन से चुनावी तालमेल की उम्मीद नहीं छोड़ी है। उनका मानना है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद बिहार में भाजपा को हराने के लिए एक मजबूत चुनावी गठबंधन करने में कोई चूक नहीं करेंगे।
महागठबंधन में सबकुछ ठीक नही, एकला चलो' की राह पर वाम दल