मुख्य सचिव ने किया ''100 आइडियाज" टू इम्प्रूव गवर्नेंस इन इण्डिया का विमोचन

जयपुर। मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने झालाना स्थित टेक्नो हब परिसर में भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद से सेवानिवृत आईएएस अधिकारी जे के दादू की पुस्तक ''100 आइडियाज टू इम्प्रूव गवर्नेंस इन इण्डिया का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि पुस्तक में जिन विविध विचारों के माध्यम से विकास की एक परिकल्पना की गई है, वह अद्भुत है। उन्होंने कहा कि पुस्तक के 24 अध्याय में बेहतरीन ढंग से देश की आर्थिक, धार्मिक, भौगोलिक एवं सामाजिक परिस्थिति का आंकलन कर वर्तमान स्वरूप के साथ व्यापार, कृषि, स्वास्थ्य, नोट बंदी, पोस मशीन, पेंशन, नकदी रहित व्यवहार, श्रमिक वर्ग कल्याण, वंचित के लिये मुफ्त शिक्षा, पर्यावरण, इज ऑफ डूईंग बिजनेस जैसे सभी विषयों में इनोवेटिव आइडियाज के माध्यम से सुशासन की परिकल्पना को मूत्र्त रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान गांव-गांव तक ई-मित्र केन्द्रों के माध्यम से सुशासन की ओर बढ़ रहा है और हाल ही में ऋण माफी का सफल क्रियान्वयन इसका सफल उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि दादू की पुस्तक में दिये गये कुछ आइडियाज को हाल ही में केन्द्र सरकार ने अपने बजट में शामिल किया है। मुख्यमंत्री के सलाहकार गोविन्द शर्मा ने कहा कि पुस्तक में बिन्दुवार उपयोगी सामग्री दी गई है, वह सिविल सर्विसेज के लिये मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि पुस्तक में हमारी आयोजना को बेहतर ढंग से बनाने के लिये आवश्यक तत्व दिये गये हैं जो आमजन के हैप्पीनेस इण्डेक्स में बढोतरी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दादू ने जीवन में तकनीक के फायदे बताते हुए उससे होने वाले नुकसान को भी बेबाक ढंग से रेखांकित किया है। उन्होंने बताया कि हमें आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रयोग से सतर्क रहना होगा, क्योंकि इस बारे में महानतम भौतिकी के वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने इसकी ओर पूर्व में ही हमे चेता दिया था। उन्होंने कहा कि श्री दादू का प्रयास गागर में सागर के समान है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्रयास है जो सभी के लिये उपयोगी साबित होगा। इस अवसर पर जे के दादू ने पुस्तक के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें मेरे 35 वर्षों के सरकारी क्षेत्र के सेवाकाल में 5 केन्द्र शासित प्रदेशों, 7 वर्ष रक्षा मंत्रालय एवं 7 वर्ष वाणिज्यिक मंत्रालय में कार्य करते हुए जो अनुभव हुए, जो प्रशासन में कमियों को देखा और उनमें  किस प्रकार सुधार किया जा सकता है के विचारों को मैंने इस पुस्तक में पिरोया है। जो सुशासन की स्थापना में कारगर साबित हो सकती हैं। उन्होंने राजस्थान में विकास की धारा बढ़ाने के लिये रूफ टॉप सोलर, पर्यटन एवं मंदिरों के सोने का नकदीकरण जैसे क्षेत्रों में कार्य करने की असीम संभावनायें मौजूद हैं। उन्होंने कहा इसके लिये हमें स्वस्थ प्रयास करने की आवश्यकता है। आईएएस ऐसोसियेशन की साहित्यिक सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा कि हम ऐसोसियेशन के माध्यम से ऐसे लेखकों की पुस्तकों से आमजन को रूबरू करा रहे हैं ताकि उनके प्रशासनिक सुधार, आर्थिक क्षेत्र के अनुभव से सरकार एवं आमजन को लाभान्वित किया जा सके। इस अवसर पर आईएएस एसोसियेशन के सदस्य भास्कर सावंत, वैभव गलारिया, जोगाराम, जितेन्द्र, वीना प्रधान सहित राजस्थान प्रशासनिक सेवा, राजस्थान लेखा सेवा के अधिकारी तथा प्रशासनिक क्षेत्र व आर्थिक जगत के गुणीजन उपस्थित थे।