गाजियाबाद। मुख्य विकास अधिकारी रमेश रंजन ने कहा कि सामान्य लोकसभा निर्वाचन 2019 को संपन्न कराने के लिए शनिवार से प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया गया है जो 19 मार्च तक चलेगा। इसमें लगभग 10,000 अधिकारियों व कर्मचारियों को पीठासीन व प्रथम मतदान अधिकारी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। लेकिन खबर है कि शनिवार को जिन 2800 पीठासीन व प्रथम मतदान अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जाना था, उनमें से 269 कार्मिक अनुपस्थित रह गए। मुख्य विकास अधिकारी रमेश रंजन ने ऐसे लापरवाह कर्मियों को कड़ी वैधानिक कार्यवाही की नसीहत देते हुए कहा है कि वह या तो प्रशिक्षण लें, या फिर समुचित स्पष्टीकरण दें, अन्यथा उचित व कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
श्री रंजन ने आगे बताया कि शनिवार को प्रथम व द्वितीय पाली में मास्टर ट्रेनरों द्वारा पीठासीन व प्रथम मतदान अधिकारियों को ईवीएम एवं वीवीपैट का प्रशिक्षण वीडियो एवं प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदान किया गया। जिसमें ईवीएम एवं वीवीपैट के प्रयोग की बारीकियों को समझाया गया। उन्होंने कहा कि शनिवार को 2800 पीठासीन व प्रथम मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाना था, जिसमें 269 कार्मिक अनुपस्थित रहे। इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी रमेश रंजन ने बताया कि लोकसभा चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य हेतु निर्धारित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग नहीं करना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 तथा आईपीसी की धारा 174 के अंतर्गत दंडनीय संज्ञेय अपराध है। लिहाजा संबंधित कार्मिक के अनुपस्थित रहने के संबंध में स्पष्टीकरण प्राप्त करने हेतु संबंधित कार्यालय को अलग से नोटिस निर्गत किया जा रहा है तथा उनसे 2 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण दिए जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। साथ ही, यह भी निर्देश दिए जा रहे हैं कि उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी अगामी प्रशिक्षण में प्रत्येक दशा में प्रशिक्षण प्राप्त कर लें।अन्यथा स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाए जाने पर तथा आगामी प्रशिक्षण में प्रतिभाग न करने पर उक्त अधिनियम के अंतर्गत संबंधित कार्मिक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी जिसके लिए संबंधित व्यक्ति व उसका तत्कालिक अधिकारी उत्तरदाई होगा।