फेसबुक ने मस्जिद पर हुए हमले से जुड़े 15 लाख वीडियो हटाए

क्राइस्टचर्च। सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक ने न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों पर हुए हमले से जुड़े 15 लाख वीडियो हटाने का दावा किया है। इसके बाद भी उस अमानवीय घटना का वीडियो वायरल होने को लेकर कंपनी को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। गत शुक्रवार को क्राइस्टचर्च स्थित दो मस्जिदों में अंधाधुंध गोलियां बरसाने वाले 28 वर्षीय हमलावर ब्रेटन टैरंट ने फेसबुक पर घटना को लाइव भी किया था। इस हमले में 50 लोग मारे गए थे। हमले से पहले टैरंट ने ट्विटर पर एक घोषणापत्र भी पोस्ट किया था, जिसमें उसके शरणार्थी विरोधी मानसिकता साफ झलकती है। फेसबुक का कहना है कि उसने घटना के तुरंत बाद ही हमलावर का अकाउंट, इंस्टाग्राम पेज और हमले से जुड़े वीडियो को डिलीट कर दिया था। इस दावे के बावजूद कुछ घंटों में ही उक्त वीडियो फेसबुक व ट्विटर के साथ अन्य सोशल साइटों पर वायरल हो गए थे। इसके चलते सभी सोशल मीडिया कंपनियां सवालों के घेरे में हैं। न्यूजीलैंड में फेसबुक की प्रवक्ता मिया गारलिक ने कहा, हमले के 24 घंटे के भीतर ही 15 लाख वीडियो डिलीट कर दिए गए थे। इनमें से 12 लाख को तो अपलोड होने से पहले ही ब्लॉक कर दिया गया था। फेसबुक के ही आंकड़ों के अनुसार, तीन लाख वीडियो को अपलोड करने से पहले ब्लॉक नहीं किया जा सका था। यह भी स्पष्ट नहीं है कि उन वीडियों को कितनी बार देखा या शेयर किया गया था। इन सब के बीच न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा एरडर्न ने हमले की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर फेसबुक से जवाब-तलब करने की बात कही है। न्यूजीलैंड की कई बड़ी कंपनियां भी फेसबुक से अपने विज्ञापन हटाने जा रही हैं। मस्जिदों पर हुए हमले के बाद न्यूजीलैंड सरकार अपने हथियार कानून में बदलाव की तैयार कर रही है। प्रधानमंत्री एरडर्न ने कहा कि इससे देश सुरक्षित रहेगा। उन्होंने बताया कि वह स्वचालित हथियारों पर प्रतिबंध की समर्थक हैं। न्यूजीलैंड के हथियार विक्रेता गन सिटी के मालिक डेविड टिपल ने कहा कि हमलावर ने दिसंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच उसके स्टोर से चार हथियार ऑनलाइन खरीदे थे। हालांकि उसने मिलेट्री-स्टाइल ऑटोमैटिक हथियार एमएसएसए उसकी दुकान से नहीं खरीदा था। टिपल ने बताया, हमें उसके बारे में कुछ भी अजीब नहीं लगा। उसके पास नया लाइसेंस था। उसके ऑर्डर की पुलिस जांच भी कराई गई थी।