फूड आपरेटर्स को नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने एक एक कर पढ़ाया पाठ







गाजियाबाद। नगर आयुक्त दिनेश चन्द्र ने शुक्रवार को नगर निगम सभाकक्ष में सॉलिड वेस्ट के प्रसंस्करण व प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध के सम्बन्ध में फूड ऑपरेटर्स को पाठ पढ़ाया है। इस सम्बन्ध में यहां आयोजित एक कार्यशाला के माध्यम से उन्होंने  एसोसिएशन ऑफ फूड आपरेटर्स व बल्क वेस्ट जनरेटर्सं को सॉलिड वेस्ट के प्रसंस्करण व प्रतिबन्धित प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबन्ध के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी और अपेक्षित सावधानियां बताई ताकि नगर निगम को भी सहूलियत हो।

 

नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने कार्यशाला में उपस्थित सभी बल्क वेस्ट जनरेटर्स को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट-2016 अधिनियम की सुसंगत धाराओं के बारे में व्यवहारिक रूप से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सॉलिड वेस्ट तीन प्रकार का होता है-पहला, गीला कूड़ा, दूसरा सूखा कूड़ा (रिसाइकलेबिल) और तीसरा हानिकारक कूड़ा।

नगर आयुक्त ने ऐसे प्रतिष्ठान जिनके यहां 100 किलोग्राम से अधिक सॉलिड वेस्ट जनरेट होता है, के बारे में उन्हें जानकारी दी कि किस प्रकार गीले कूड़े का सदुपयोग कर उससे कम्पोस्ट बनायी जा सकती है। साथ ही, उन्होंने कम्पोस्ट बनाने के भिन्न-भिन्न विधियों से भी परिचित कराया। नगर आयुक्त ने बताया कि सूखा कूड़ा समस्या न बन जाये, इसके लिये इसका कम से कम उपयोग अथवा पुनः उपयोग और पुनः चक्रण हेतु रिसाइकलिंग पर जोर दिया गया। 

 

उसके बाद, नगर आयुक्त द्वारा एसोसिएशन ऑफ फूड आपरेटर्स (बल्क वेस्ट जनरेटर्सं) को उप्र प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा अधिनियम- 2018 के अन्तर्गत सुसंगत धाराओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए यह भी अवगत कराया गया कि गत 2 अक्टूबर, 2018 से प्लास्टिक से बनी साम्रगी का प्रयोग करना पूर्णरूप से प्रतिबन्धित है। इसके अतिरिक्त, नगर आयुक्त द्वारा अधिनियम की सुसंगत धाराएं जिसमें प्लास्टिक व पॉलिथीन आदि का प्रयोग करने पर जुर्माने तथा बार-बार जुर्माना लगने के बाद भी प्लास्टिक व पॉलिथीन का प्रयोग करने पर कारावास आदि की सजा का भी प्रावधान है, के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गयी।

 

नगर आयुक्त द्वारा सभी फूड आपरेटर्स को अवगत कराया गया कि समय-समय पर एवं महत्वपूर्ण पर्वों पर जिनमें भण्डारों व लंगर आदि का आयोजन किया जाता है, उनमें प्लास्टिक, थर्माकॉल से बने प्लेट, गिलास, चम्मच, कटोरी आदि का प्रयोग न करे और न करने दें, का आह्वान किया गया। साथ ही, आगामी नवरात्रि पर्व के दौरान लगाये जाने वाले भण्डारों, लंगर और अन्य आयोजनों में प्रतिबन्धित प्लास्टिक व थर्माकॉल के बने प्लेट, गिलास, चम्मच, कटोरी आदि का प्रयोग न किये जाने हेतु सुझाव दिये गये।  

 

फिर,नगर आयुक्त द्वारा वर्कशॉप में उपस्थित सभी लोगों को अवगत कराया गया कि गाजियाबाद नगर निगम द्वारा जैविक कचरे से 30 हजार लीटर तरल खाद तैयार कर ली गयी है जिसकी नगर निगम द्वारा 10 रुपए प्रति लीटर न्यूनतम विक्रय दर निर्धारित की गयी है। इस तरल खाद का प्रयोग करने से संचालित नर्सरी के माली व किसान अपनी खेती की उर्वरक शक्ति को और अधिक बढ़ा सकेंगे। 

 

अन्त में, नगर आयुक्त द्वारा एसोसियेशन ऑफ फूड आपरेटर्स के अध्यक्ष अनिल गुप्ता, महासचिव संजय मित्तल व विशाल पंडित को धन्यवाद देते हुए उपस्थित समस्त अपर नगर आयुक्त, नोडल अधिकारी (एसबीएम) व अन्य अधिकारीगणों सहित कार्यशाला में उपस्थित सभी फूड आपरेटर्स को पॉलिथीन का प्रयोग न करने तथा अपने आस-पास प्लास्टिक व पॉलिथीन का प्रयोग न होने दिये जाने के सम्बन्ध में शपथ भी दिलायी गयी।