राजस्थान दिवस पर हुए कईं भव्य आयोजन

प. चौरसिया की मूरली की तान और रानी खानम के सूफीयाना नृत्य ने बांधा समां


जयपुर। राजस्थान उत्सव के मुख्य स्थापना दिवस पर शहर भर में धूम-धाम से कईं आयोजन किए गए जहां पूरा गुलाबी नगर देशी-विदेशी सैलानियों से अटा रहा। उत्सवी आभा मे डूबा, सैलानियों का स्वागत व आह्वान करता सारा शहर पधारो म्हारे देश की उक्ति को चरितार्थ करता नजर आया। राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर सतरंगी सपनों की मरूधरा पर विश्व प्रसिद्ध पद्म विभूषण प. हरिप्रसाद चौरसिया की मुरली ने सेन्ट्रल पार्क में राग यमन सुनाकर दर्शको का मन मोह लिया। बतौर मुख्य अतिथि मुख्य सचिव राजस्थान सरकार डी. बी. गुप्ता एवं प्रमुख शासन सचिव पर्यटन एवं कला श्रेया गुहा ने मां शारदे व भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर मंचस्थ कलाकारों का अभिनंदन किया। जवाहर कला केन्द्र पर जयपुर कथक केन्द्र के संयोजन से सूफी फ्यूजन नृत्य की मनोहारी प्रस्तुतियों से दर्शक भाव-विभोर हो उठे।


सुफीयाना अंदाज की लखनवी घराने की कलाकारा रानी खानम की प्रस्तुतियों को दर्शको की तालियों ने खूब सराहा। इस दौरान, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग मति वीनू गुप्ता, निदेशक पर्यटन डॉ भंवर लाल एवं पूर्व आयुक्त एवं मुख्य सचिव गृह शैलेन्द्र अग्रवाल भी कार्यक्रम का लुत्फ उठाया। 27 मार्च से आरम्भ हुआ प्रदेश का स्थापना दिवस प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी पूरे सप्ताह आगामी 02 मार्च तक विभिन्न आयोजनों के साथ मनाया जा रहा है, परन्तु वीक एण्ड होने व 30 मार्च को ही राजस्थान दिवस होने से यह खासा खास रहा। पर्यटक स्थलों पर की गई पर्यटन विभाग की विशेष तैयारियों, मान-मनुहार व्यवस्थाओं तथा आतिथ्य-सत्कार ने इसमेें चार चांद लगाए। हवामहल, अल्बर्ट हॉल, जन्तर-मन्तर और आमेर सहित शहर के अन्य पर्यटन स्थलों पर पर्यटक लोक कलाकारों के लोक संगीत, नृत्य व वादन की मनोरम प्रस्तुतियों पर ताल से ताल मिलाते, झूमते-गाते और राजस्थान की गौरवशाली आन-बान और शान के इतिहास, कलात्मक वैभव, संस्कृति व परंपरागत विरासतीय स्थापत्य को निहारते नजर आए। विभिन्न समाजसेवी, सामाजिक व स्वयंसेवी शिक्षण संस्थाओं द्वारा रामनिवास बाग के चिडियाघर में स्कूली बच्चों का भ्रमण भी काबिल-ए-तारीफ रहा। कलरव करते पक्षियों को विशेष योग्य दिव्यांग बालकों ने बालजिज्ञासा पूर्वक निहारा व वन्य जीवों को कौतूहलवश रूबरू होते प्रसन्नचित दिखे। इस दौरान बच्चों ने केन्द्रीय संग्रहालय व स्मारकों की पुरासामगर््रीयों का भ्रमण भी किया जिन्हे देख वे रोमांचित, प्रफुल्लित व उल्लासित दिखे। राजस्थान दिवस के इस शुभ अवसर पर्यटन विभाग के बखूबी इंतजामात ने इसे और चमकदार बना दिया जहां मुख्य पर्यटक स्थलों, स्मारकों एवं पुरातात्विक संग्रहालयों के नि:शुल्क भ्रमण, पर्यटकों का माला पहनाकर व तिलक लगाकर पारंपरिक भव्य स्वागत-सत्कार, लोकगीत, संगीत व नृत्यों की जगह-जगह आयोजित प्रस्तुतियों, कालबेलिया, तेरहताली, चकरी व कच्छी-घोड़ी नृत्य, मशक व नगाड़ा वादन, बहुरूपिया स्वांग, कठपुतली कलाओं के मनमोहक आयोजनों से पूरा जयपुर शहर प्रदेश के स्थापना दिवस के रंग में रंगा व खुशियों का इजहार करता नजर आया।