समय पर जानकारी नहीं मिलने से टीबी रोग से पीड़ित है एक बड़ी आबादी: उपासना अरोड़ा










                        अधूरा या विलम्बित उपचार मरीजों के लिए होता है घातक: इवाता

गाजियाबाद। सूचना की नई तकनीकों के विकास और अनुप्रयोग में अग्रणी फ़ूजीफ़िल्म इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एवं यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, कौशाम्बी, गाजियाबाद ने साझेदारी में इमेजिंग और टीबी, तपेदिक को खत्म करने के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम 'टूगेदर एंड टीबी' का आयोजन किया। इसके बाद, भारत में तपेदिक के उन्मूलन में मदद करने वाले कारकों एवं विश्व टीबी दिवस को मनाने के लिए एक मीडिया जागरूकता कार्यक्रम भी स्थानीय एक होटल के सभागार में आयोजित किया।

 

इस अवसर पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी की निदेशिका सुश्री उपासना अरोड़ा ने कहा कि भारत की एक बड़ी आबादी बहुत लंबे समय से अनपेक्षित तपेदिक से पीड़ित है। क्योंकि बीमारी का देर से पता चलने से बीमारी को दूसरों तक पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि भारत, दुनिया में इन मामलों की अंडर रिपोर्टिंग और बीमारी की सही समय पर पहचान न कर पाने के लिए प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक है, जबकि दुनिया भर में बीमारी का बोझ धीरे-धीरे कम हो रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत में बीमारी को नियंत्रित करने और इसके दुषपरिणामों को कम करने में तेजी से काम किया जा सकता है। इसलिए इसका शीघ्र निदान और उपचार के लिए निरंतर और सचेत प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों और डॉक्टरों को सही प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करना इसी दिशा में बढ़ाया हुआ एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। क्योंकि 2025 तक देश से इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के सरकार के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

 

इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए हारुतो इवाता, प्रबंध निदेशक, फुजीफिल्म इंडिया प्रा लिमिटेड ने कहा, “यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के साथ हमारा जुड़ाव भारत में क्षय रोग से लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वास्थ्य सेवा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और बढ़ती हुई टी बी बीमारी को देखते हुए, हमें लगता है कि यह जनता के बीच जागरूकता पैदा करने और इस मुद्दे को तुरंत हल करने के लिए उपयुक्त उपाय करने का एक शानदार अवसर है।” उन्होंने आगे कहा कि "इस जरूरत को समझते हुए फुजीफिल्म, भारत के उन लोगों की भलाई के लिए योगदान देता है जो इस बीमारी से पीड़ित हैं और अभी तक इसके नतीजों से अनजान हैं। टुगेदर एंड टीबी के साथ-साथ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह भी जोर देना है कि अधूरा या विलंबित उपचार अधिक गंभीर और जटिल हो सकता है।

 

टीबी के शीघ्रातिशीघ्र निदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एक सवाल के जवाब में सुश्री उपासना अरोड़ा ने आगे कहा, "जब बीमारी को बिना निदान या इलाज के लम्बे समय तक छोड़ दिया जाता है तब मरीज द्वारा समुदाय में संक्रमण के फ़ैलने की संभावना उतनी ही अधिक हो जाती है। फुजीफिल्म के साथ हमारे संयुक्त प्रयासों से, हम भारत में 'टूगेदर एंड टीबी ’के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अग्रसारित होते हुए देखते हैं।”

यह कार्यक्रम भारत में रोगियों को अपने उपचार चक्र को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करता है क्योंकि अज्ञानता या अक्रियता से एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट)  टीबी हो सकता है, जो और भी खतरनाक है और अक्सर उपचार योग्य नहीं है।

 

कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताते हुए, श्री चंदर शेखर सिब्बल, उपाध्यक्ष, मेडिकल डिवीजन के प्रमुख, फुजीफिल्म इंडिया ने कहा, “हर साल, भारत में लगभग 2 करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं, जिसमें लगभग 40% लोग संक्रामक होते हैं। आज का कार्यक्रम यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के साथ-साथ जागररकता बढ़ाने और रोगियों के लिए तपेदिक के उन्नत निदान और उपचार को बढ़ावा देने के लिए हमारा प्रयास है।"

 

कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, फुजीफिल्म ने मौजूदा और संभावित रोगियों को मुफ्त चेक-अप की पेशकश करने के लिए अस्पताल में डिजिटल रेडियोग्राफी प्रणाली 'डीआर एफडीआर स्मार्ट एफ’ की अपनी स्थिति स्थापित की है। फुजीफिल्म हेल्थकेयर प्रौद्योगिकियों की विस्तृत श्रृंखला से, एफडीआर स्मार्ट एफ डिजिटल रेडियोग्राफी समाधान व्यस्त इमेजिंग केंद्रों के लिए कुशल वर्कफ़्लो और उत्कृष्ट छवि गुणवत्ता प्रदान करता है।

 

इस मौके पर यशोदा हॉस्पिटल के महाप्रबंधक- संचालन और गुणवत्ता डॉ सुनील डागर ने इस समस्या से निबटने के लिए रोडमैप के बारे में बताया कि "रोग का सही रूप में निदान और यह बीमारी कितनी फ़ैली हुई है इस बात की जानकारी यदि समय पर मिल जाएगी तो समुदाय में फ़ैली टी बी की बीमारी की रोकथाम और उपचार में मदद करेगा। यह साझा सहयोग नई संभावनाओं को खोलेगा और आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करने में मदद करेगा।” डॉ सुनील डागर महाप्रबंधक- संचालन और गुणवत्ता ने समस्या से निपटने के लिए रोडमैप के बारे में बताया।