नई दिल्ली।17वीं लोकसभा की चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी जारी रही। सियासी और मजबूत कारोबारी संकेतों के दम पर पिछले दो ट्रेडिंग सेशंस में एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स जहां 850 अंकों से अधिक की छलांग लगा चुका है, वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी में 270 से अधिक अंकों की तेजी आई है। मंगलवार को सेंसेक्स 481.56 अंकों की तेजी के साथ 37,535.66 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 133.15 अंकों की तेजी के साथ 11,301.20 पर बंद हुआ। इससे पहले सेंसेक्स 382.67 अंकों की तेजी के साथ 37,054,10 पर और निफ्टी 14090 अंकों की तेजी के निफ्टी 140.90 अंकों की तेजी के साथ 11,176.30 पर बंद हुआ था। बाजार में आई तेजी की वजह निवेशकों की चौतरफा वरीदारी रही। निवेशकों की चौतरफा खरीदारी रही। सबसे ज्यादा खरीदारी बैंकिंग काउंटर पर देखने को मिला। एसएंडपी बीएसई का बैंकिंग इंडेक्स मंगलवार को 550 से अधिक अंकों तक उछल गया। वहीं स्टॉक्स की बात करें तो भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, रिलायंस और सन फार्मा में 2.5 फीसद से लेकर 5 फीसद तक का उछाल देखने को मिला। 2014 की तरह ही इस बार भी भारतीय शेयर बाजार में चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद तेजी का दौर जारी है।
1.मोदी की वापसी के संकेत राजनीतिक विश्लेषकों ने नरेंद्र मोदी की अगवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की फिर से सत्ता में वापसी का अनुमान जताया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सी वोटर ओपिनियन पोल के हवाले से बताया है कि 2019 में एनडीए बहमत के साथ वापसी कर सकता है। सर्वे के मताबिक एनडीए को इस बार 264 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं कांग्रेस की अगुवाई वालेगठबंधन को 141 सीटें मिलने का अनुमान है।
2.एफआईआई की भारी खरीदारी और रुपये में मजबूती एनएसई के डेटा के मुताबिक सोमवार को संस्थागत विदेशी निवेशकों (एफआईआई) ने 3,810.6 करोड़ रुपये की खरीदारी की। वहीं पिछले तीन हफ्तों में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 26.639 करोड़ रुपये का निवेश किया है। चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी की गहराती आशंका के बीच प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा तथा अमेरिका एवं चीन के बीच व्यापार समझौते की उम्मीद को लेकर भी उभरते बाजारों को लेकर एफआईआई की धारणा मजबूत हुई है। वहीं, डॉलर की कमजोरी का फायदा रुपये को मिला और वह छलांग लगाते हुए दो माह के उच्च स्तर पर आ गया है। रुपया 2018 के नुकसान की भरपाई करने में सफल रहा है।
3.ब्रोकरेज एजेंसी का भरोसा भारतीय बाजार पर विदेशी ब्रोकरेज का रुख बुलिश नजर आ रहा है। मॉर्गन स्टैनली और एचएसबीसी जैसी एजेंसियों ने भारतीय बाजार पर भरोसा जताया है। एचएसबीसी ने हाल ही में जहां भारतीय शेयर बाजार की रेटिंग को न्यूट्रल से बढ़ाकर ओवरवेट कर दिया है, वहीं मॉर्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में सेंसेक्स के 42,000 तक पहुचने की उम्मीद जताई है। 29 अगस्त 2018 को सेंसेक्स 38,989.65 के स्तर को छूने में सफल रहा था, जो अब तक का ऊच्चतम स्तर है। इसके बाद से सेंसेक्स में करीब 6 फीसद तक की गिरावट आई है। एजेंसी का अनुमान है कि अगर बाजार में बुल रन की शुरुआत हुई, तो बाजार साल के अंत तक 47,000 के स्तर को छु सकता है।
4. फेडरल रिजर्व का बयान और मजबूत वैश्विक संकेत ब्रेग्जिट सौदे पर यूरोपीय संघ के साथ %कानूनी रूप से बाध्यकारी बदलावों पर ब्रिटेन के सहमत होने के बाद एशियाई बाजार को मजबूती मिली। ब्रिटेन को 29 मार्च को यूरोपीय संघ से अलग होना है। ब्रिटेन के सांसद मंगलवार के मतदान से पहले इस प्रस्ताव पर विचार विमर्श करेंगे। ऐसे में अगर ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेस मे मंगलवार को होने वाले चुनाव में हारती हैं तो सांसद बुधवार को इस मसले पर वोटिंग करेंगे कि ब्रिटेन को बिना समझौते के 29 मार्च को यूरोपीय संघ से बाहर निकलना चाहिए या नहीं,वहीं अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में इजाफा नहीं करने के निर्णय से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है।