# नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने जैविक खाद प्रसंस्करण केन्द्र एवं अन्य बायो कम्पोस्ट पिट्स का किया स्थलीय निरीक्षण
# एसबीएम के नोडल अधिकारी अरुण मिश्रा को नए मशीन व उपकरण खरीदने व उसका मालिकाना हक नगर निगम के पास रखने के दिये निर्देश
# 30,000 लीटर तैयार तरल जैविक खाद देखकर नगर आयुक्त ने अधीनस्थ अधिकारियों से कहा कि किसानों से करें बातचीत ताकि वो कर सकें उपयोग
# सूखा और गिला कूड़ा को मिक्स करने पर नगर आयुक्त ने क्षेत्रीय सफाई निरीक्षकों को लगाई फटकार
# नन्दी पार्क के पशुओं के लिए हर जगह से एकत्रित हरे चारे को प्रतिदिन भिजवाने के दिये निर्देश
सबसे पहले, नगर आयुक्त ने मोहननगर जोन स्थित स्वास्थ्य गैराज के पास स्थापित जैविक कूड़ा प्रसंस्करण केन्द्र का निरीक्षण किया, जहां पर जैविक खाद का उत्पादन गीले कूड़े से किया जाता पाया गया। यहां पर लगभग 30,000 लीटर तरल जैविक खाद का निर्माण किया जा चुका था। लिहाजा, नगर आयुक्त ने निर्देशित किया कि तरल खाद को नगर निगम के समस्त पार्कों में सिंचाई के कार्यों हेतु प्रयोग में लाया जाये। साथ ही, यह भी निर्देशित किया गया कि आस-पास के किसानों से वार्ता कर तरल जैविक खाद के प्रयोग के लिए उनको प्रोत्साहित किया जाये। इस हेतु जैविक खाद की दरें निर्धारित करने हेतु एक समिति का गठन करने के लिए भी निर्देशित किया गया।
नगर आयुक्त के निरीक्षण में यह भी पाया गया कि स्थल पर जो पृथकीकृत कूड़ा आ रहा था, उसे पुनः एक दूसरे में मिश्रित कर नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियमावली में दिये गये प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा था। इस सम्बन्ध में नगर आयुक्त ने क्षेत्रीय सफाई निरीक्षक को फटकार लगायी एवं निर्देशित किया कि अनिवार्य रूप से नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियमावली में दिये गये प्रावधानों के अन्तर्गत सूखा कूड़ा एवं गीला कूड़ा अलग-अलग ही रखा जाये।
नगर आयुक्त ने मौके पर यह भी निर्देशित किया कि जो भी हरा चारा एकत्रित हो, उसको अनिवार्य रूप से नगर निगम द्वारा संचालित नंदी पार्क में पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग किया जाये। साथ ही, नवीनतम तकनीक पर आधारित मशीन का क्रय करके नियमानुसार कूड़े के निस्तारण किया जाये।
इसके अतिरिक्त, सम्बन्धित प्रतिनिधि द्वारा लिविंग कम्पोस्ट बनाने हेतु नगर आयुक्त को अवगत कराया कि ड्रम में घरेलू कूड़े को आधे ड्रम तक भरकर एंजाईम्स के माध्यम से 15-15 दिन में साईकिलिंग करने के उपरान्त लगभग 2 माह के मध्य कम्पोस्ट तैयार हो जाती है। इस विधि से तैयार खाद होटल, रेस्टोरेन्ट व आर.डब्ल्यू.ए. द्वारा अपने घरों व होटल आदि में लगे पौधों के लिये प्रयोग लिया जा सकता है।
इसके बाद, नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त व एसबीएम के नोडल अधिकारी अरुण मिश्रा को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द नगर निगम के पार्कों में उचित स्थानों पर ऐरोबिक व अनऐरोबिक कम्पोस्ट बनाने हेतु लोहे के गोल जाल व गड्डे आदि खुदवाकर उसमें कम्पोस्ट बनाने का कार्य आरम्भ करा दिया जाये। साथ ही, कम्पोस्ट बनाने हेतु आवश्यकता व सुविधानुसार मशीन, उपकरण आदि को क्रय कर सम्बन्धित फर्मों से अनुबन्ध करने के उपरान्त फर्म को सौंप दिया जाये। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा जो मशीन व उपकरण सम्बन्धित फर्म को उपलब्ध कराये जायेंगे, उनका मालिकाना हक नगर निगम का ही रहेगा, यह शर्त भी अनुबन्ध में दर्शायी जाये। उसी प्रकार, जिस प्रकार कि तैयार कम्पोस्ट पर मालिकाना हक नगर निगम का ही है।