# देश-विदेश के डॉक्टरों के लिए पेन मैनेजमेंट विषय पर लाइव वर्कशॉप का हुआ आयोजन
# बिना ऑपरेशन दर्द कम करने का इलाज करने के संदर्भ में दिया प्रशिक्षण
# स्टेम सेल थिरैपी एवं पीआरपी विधि से बचा जा सकता है बीमारियों के जटिल दर्द से
अपने उद्घाटन भाषण में डॉ अरोड़ा ने कहा कि इस वर्कशॉप में भारत समेत विभिन्न देशों के 12 डॉक्टर प्रशिक्षण लेंगे, जिनमें बांग्लादेश एवं अमेरिका के डॉक्टर भी सम्मिलित हैं। इन सभी को संवेदनाहरण विज्ञान (पेन मैनेजमेंट) की महत्वपूर्ण विधियों का प्रशिक्षण दिया गया, जिससे इन डॉक्टरों में आत्म निर्भरता लाई जा सके। उन्होंने कहा कि आजकल संवेदनाहरण विज्ञान मुख्य नैदानिक विभागों में से एक होता जा रहा है तथा धीरे-धीरे इसकी मांग भी बढ़ रही है।
इस मौके पर डॉ नीरज जैन एवं डॉ सुनील शर्मा ने कहा कि इस सजीव कार्यशाला का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा की संवेदनाहरण विज्ञान (पेन मैनेजमेंट) में डॉक्टरों को प्रशिक्षित करना है ताकि भारत के व विश्व स्तर पर चिकित्सा संस्थानों में संवेदनाहरण विज्ञान (पेन मैनेजमेंट) के उच्च मानक एवं तकनीकी का उपयोग मरीजों को दर्द से निजात पाने के लिए किया जा सके।
इसमें हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का बिना ऑपरेशन दर्द कम करने का इलाज करने के संदर्भ में प्रशिक्षण दिया गया।
डॉ पी एन अरोड़ा जी ने इस वर्कशॉप के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर सभी डॉक्टरों को बढ़ाई सन्देश देते हुए कहा कि भारत फिर से विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्हें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि इस ट्रेनिंग को ले कर डॉक्टर लोगों का सफलतापूर्वक दर्द निवारण कर सकेंगे। इस वर्कशॉप में डॉ सुनील डागर, महाप्रबंधक, यशोदा हॉस्पिटल भी मौजूद थे।
अंत में, धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ नीरज जैन ने कहा कि मरीज को लाइफ की क्वॉलिटी देने के मकसद से यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने यह पहल की है, जो समस्त उत्तर भारत की इकलौती पहल है। इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे और लोग इसका खूब लाभ उठाएंगे, क्योंकि यह भविष्य की सफल तकनीक साबित होगी।