देश और विदेशों की विभिन्न ग्लोबल एजसियों द्वारा वायु प्रदूषण के खतरसे बार बार आगाह करने के बावजूद न सरकार चेती है और न ही नागरिक। लगता है लोगों ने इस जान लेवा खतरे को गैर जरूरी मान लिया है। आश्चर्य की बात है इस वैश्विक सूची के टॉप 15 में से 14 शहर भारत के है। इसका मतलब बिलकुल साफ है वायु प्रदूषण ने भारत को अपने पंजे में मजबूती से जकड़ रखा है। भारत की आबोहवा निरंतर जहरीली होती जा रही है। हर वर्ष लाखों लोग अकाल मौतों के शिकार हो रहे है साथ ही विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे है। इस है की बच्चे से बुजुर्ग तक आज वायु प्रदूषण से आहत है। इससे निपटने के उपाय भी हमारे ही हाथों में है। इसके लिए हम अपना मन बनाना होगा और मिलजुलकर देश को वायु प्रदूषण के खतरे से बाहर निकलना होगा तभी एक बड़ी जनहानि से बचा जा सकेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की हाल ही में जारी 15 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को तीसरे स्थान पर रखा गया है। विचारणीय और गंभीर बात यह है जब देश के प्रधानमंत्री का क्षेत्र ही सुरक्षित नहीं हैतो दूसरे क्षेत्रों का सहज ही अनुमान लगाया का सकता है। यह बेहद पीड़ादायक और चिंतनीय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस सूची में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली छठे स्थान पर है और वायु प्रदूषण से निपटने में नाकामी के लिए यहां के निर्वाचित प्रतिनिधियों के “आलस्य'' को जिम्मेदार बताया है। ‘‘पोलिटिकल लीडर्स पोजिशन एंड एक्शन और एयर क्वालिटी इन इंडिया 2014- 19'' में यह जानकारी दी गयी है। इस रिपोर्ट को ‘‘क्लाइमेट ट्रेंड्स' ने जारी किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, विश्व स्वास्थ्य संगठन की 15 शहरों की सूची में 14 शहर भारत के हैं। इनमें से चार उत्तर प्रदेश में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वाराणसी में सांस की बीमारी और एलर्जी के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसका कारण शहर में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य बताया गया है । प्रधानमंत्री ने 2014 का आम चुनाव यहां से जीता था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2017 में वाराणसी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 490 तक पहुंच गया था जो खतरनाक दिसंबर 2018 में यह 384 था जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। उत्तर प्रदेश का कानपुर दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषित शहर है और सूची में यह प्रथम स्थान पर है। इसके बाद हरियाणा का फरीदाबाद शहर है जो प्रदषित शहरों की सची में दूसरे स्थान पर है और वराणसी तीसरे स्थान पर हैक्रमशरू चैथे और पांचवे स्थान पर है जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली छठे स्थान पर हैजबकि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सातवें स्थान पर है। आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुरूग्राम, जयपुर, पटियाला और जोधपुर भी इस सूची में हैं।
ग्लोबल एजेंसियों ने माना बेहद प्रदूषित है भारत के शहर