लापरवाही: गाजियाबाद नगर निगम के लगभग 350 सफाई कर्मचारियों को भी मिला मतदान कार्मिक का दायित्व







गाजियाबाद। आगामी 11 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मतदान कार्य को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए नगर निगम के लगभग 350 सफाई कर्मचारियों को भी मतदान कार्मिक बना दिये जाने की खबरें मिली हैं। अब आप इसे मतदान कार्मिकों की कमी कहें, या फिर जनपद निर्वाचन कार्यालय की अक्षम्य लापरवाही मानें। लेकिन यह तल्ख सच्चाई है कि गाजियाबाद नगर निगम के लगभग 350 सफाई कर्मचारी भी मतदान कार्मिक बना दिए गए हैं। 

 

लिहाजा, चर्चा ए आम है कि भले ही पर्याप्त और योग्य स्टाफ की कमी के कारण निर्वाचन विभाग द्वारा  आपातकालीन सेवा के तहत ही इन सफाई कर्मचारियों को मतदान कार्मिक बना दिया गया है। लेकिन जब ये उक्त कार्यों के निर्वहन के लिए निर्वाचन कैम्प कार्यालय में 9 अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल अपना योगदान देंगे तो इन चार दिनों में शहर की सफाई व्यवस्था का क्या आलम रहेगा, समझा जा सकता है। वाकई चार दिनों तक पूरी सफाई व्यवस्था ही चौपट हो सकती हैं। क्योंकि इन तमाम कर्मचारियों की ड्यूटी 11 अप्रैल को होने वाले मतदान के कार्य में लगाई गई हैं। 

 

जानकारों ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम के इतिहास में ऐसा पहली दफे हुआ है कि जब सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी भी मतदान में लगाई गई हो। इन्हें ऐसे कार्य से इसलिए अलग रखा जाता है, क्योंकि नगर निगम के 3 विभाग की आपातकालीन सेवा के अंतर्गत आते हैं, जिनमें वॉटर सप्लाई, स्ट्रीट लाइट और सफाई-सीवर-सफाई कर्मचारी शामिल हैं। बता दें कि शासनादेश में भी यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि आपातकालीन सेवा के कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान कार्यों में नहीं लगाई जाए। 

लेकिन गाजियाबाद नगर निगम में ऐसा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि जनपद निर्वाचन कार्यालय ने गाजियाबाद नगर निगम के लगभग 350 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई है। हद तो यह है कि इन कर्मचारियों को चुनाव संबंधी अहम ट्रेनिंग भी दे दी गई है, जिसमें जलकल विभाग के 82 कर्मचारी भी शामिल हैं। 

 

एक अधिकारी ने नाम नहीं छापे जाने की शर्त पर बताया कि गाजियाबाद नगर निगम के काफी प्रयास करने के बाद भी चुनाव से ऐसे कार्मिकों की ड्यूटी नहीं काटी गई है। हालांकि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दो टूक बताया कि निर्वाचन कार्यालय द्वारा सफाई कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है। जिससे शहर की सफाई व्यवस्था बुरी तरह से लगभग 4 दिनों तक प्रभावित रहेगी। बता दें कि गाजियाबाद नगर निगम के पास फिलवक्त 850 स्थाई सफाई कर्मचारी हैं। 

फिर भी, लगभग 350 स्थायी सफाई कर्मियों की चार दिनों तक रहने वाली गैर हाजिरी से 9 से लेकर 12 अप्रैल तक शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा जाए तो किसी को कुछ भी आशंका नहीं रहेगी।