उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा विश्व मलेरिया दिवस के उपलक्ष्य में लोगों को मलेरिया से बचाव के बारे में जागरूक करने के लिए निगम क्षेत्र में जन-जागरूकता रैली निकाली गई। इस मौके पर अतिरिक्त आयुक्त (स्वास्थ्य) जयराज नायक; अतिरिक्त स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. अशोक; उप-स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. ओ.पी गहलोत; डॉ. प्रमोद,कीटविज्ञानी, डॉ. जसवीन दुग्गल, सुश्री बबिता के अलावा अन्य मलेरिया स्टाफ एवं स्कूली बच्चे भी मौजूद थे।
अतिरिक्त आयुक्त जयराज नायक ने कहा कि 2022 तक भारत से मलेरिया को खत्म करने के राष्ट्रीय उद्धेश्य के मद्देनजर उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा निगम क्षेत्र को मलेरिया मुक्त रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहें है। उन्होेंने कहा कि इस समस्या से निजात पाने के लिए मच्छरों की उत्पत्ति पर रोक लगाना बेहद आवश्यक है। श्री नायक ने कहा कि उत्तरी निगम द्वारा इस मलेरिया पर नियंत्रण के लिए पर्यायवरण हितैशी उपाय उपनाये जा रहे है जैसे रूके हुए पानी में गम्बूशिया मछली का पालन एवं मच्छर रोधी कूलर का प्रयोग किया जा रहा है। श्री नायक ने कहा कि मलेरिया पर नियंत्रण करने हेतु उत्तरी निगम द्वारा अन्र्तरविभागीय समन्वयन बैठक भी की जा रही है जिससे एक-दूसरे के सहयोग द्वारा मच्छरों की उत्पत्ति पर रोक लगाने हेतु कार्य किया जा सके।
अतिरिक्त स्वास्थ्य अधिकारी, डाॅ अशोक ने कहा कि मलेरिया नामक बीमारी एनाफलीज नामक मच्छर के काटने से होती है जो रूके हुए पानी में पनपता है। उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि गर्म तापमान, आद्र वायुमंडल एवं भारी वर्षा इस मच्छर के पनपने के अनुकूल परिस्थितियां हैं। डॉ अशोक ने कहा कि कंपकपी के साथ तेज बुखार चढ़ना, सिर दर्द, बदन दर्द आदि मलेरिया के लक्षण है जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डाॅक्टर को दिखाना चाहिए।
उप-स्वास्थ्य अधिकारी, डाॅ प्रमोद वर्मा ने कहा कि मलेरिया पर नियंत्रण हेतु मच्छर जनित परिस्थितियां पैदा ना हो इसके लिए घर व आस पास पानी जमा ना होने दें व् घर के आस-पास ऐसे गड्ढों जिसमें पानी रूका हो, को मिट्टी से भर दें मच्छर के काटने से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहने तथा बुखार होने पर स्वयं दवाई ना लें।मलेरिया के लक्षण दिखायी देने पर रोगी को तुरंत डाॅक्टर को दिखाये।