आम आदमी पार्टी द्वारा 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पूर्व अपने घोषणापत्र में जिन 70 बिंदुओं का एक्शन प्लान जनता के समक्ष रखा था उसे पूरा करने में पूर्ण रूप से विफल रही है ये बात दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में लोकनीति शोध केंद्र के अधिकारीयों ने कही। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक राजनीति के नाम पर सत्ता में आयी आम आदमी पार्टी ने अपने 70 वादों में 67 वादों को पूरा नहीं कर सकी। उनके द्वारा किये गए तीन कार्यों में भी भ्रामक बयान दिए जाते हैं। लोक नीति शोध केंद्र के निदेशक ड़ॉ विनय सहस्त्रबुद्धे उनके फ्लैगशिप योजनाओ शिक्षा व् स्वास्थ्य पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षा के अंतर्गत 500 स्कूल का वादा किया गया था परन्तु सिर्फ 5 प्रतिशत स्कूल ही खोले गए इसी प्रकार 20 डीग्री कॉलेज भी नहीं खोले गए और वहां 50 प्रतिशत शिक्षकों के पद अब भी रिक्त हैं। बिजली के लिए भी दिल्लीवासियों को समान खपत के लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है।अस्पतालों में भी तय बेडों की संख्या 60 प्रतिशत कम हैं।
लोकनीति शोध केंद्र के रिपोर्ट के अनुसार पानी में भी एक हाथ से दे दुसरे हाथ से ले तथा सोलर सिटी ,जन लोकपाल बिल ,स्वराज बिल ,सार्वजनिक शौचालय,सस्ती दवाइयां, cctv ,महिला सुरक्षा ,मोबाइल शासन ,wifi ,स्टार्टअप हब ,प्रदूषण ,नशीले पदार्थों पर रोक व् सिख दंगा पीड़ितों के न्याय करने की जगह सिख दंगा के लिए जिम्मेवार कांग्रेस से ही हाथ मिलाने लगे।
ड़ॉ विनय सहस्त्रबुद्धे व् उनके सहयोगियों ने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा की जो कार्य उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है उसे भी पूरा करने का वादा किया जाता है जैसे OROP व् जमीन जबकि 3000 खेल के मैदान उपलब्ध करने की जगह मात्रा 77 मैदान ही उपलब्ध कराये गए हैं।उन्होंने आज जारी रिपोर्ट *ए टेल ऑफ़ बिट्रेयल * को दिल्ली सरकार के लिए आँख खोलने वाला दस्तावेज बताया और कहा की सकारात्मकता से लिया जाय तो इससे दिल्ली सरकार अपनी कमियों को दूर कर सकती है।