इस उद्देश्य से एक नई वेबसाइट बनाई गई है ।नई वेबसाइट किसान समेत सभी भागीदारों को मौसम की रीयल टाइम जानकारी आॅनलाइन देगी। वेबसाइट के अंदर संबंधित एएमएफयू और संस्थानों के साथ-साथ आईएमडी पुणे के लिंक हैं ताकि उत्तराखंड के जलवायु की स्थिति के बारे में अधिक व्यापक जानकारी दी जा सके।
आईआईटी रुड़की एएमएफयू राज्य के तीन जिलों देहरादून, हरिद्वार और पौरी गढ़वाल के किसानों को जानकारी प्रदान करता है। आईएमडी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार, ने आईआईटी रुड़की और आईआईटी खड़गपुर को इस उद्देश्य से चुना है। ये एएमएफयू देश के सभी 640 जिलों के लिए एग्रोमेट एडवाइज़री बुलेटिन (एएबी) का प्रसारण करेंगे।
इन 130 एएफएमयू में 50 को ब्लाॅक स्तर की जानकारी देने की जिम्मेदारी भी दी गई है। इन 50 ब्लाॅक स्तर की यूनिटों में एक आईआईटी रुड़की है। एक्सपेरिमेंटल एग्रोमीटियरोलाॅजी एडवाइजरी सर्विसेज़ (ईएएस) की शुरुआत आईआईटी रुड़की ने 31 मई 2005 को की थी।
मौसम संबंधी सलाह देने के इस प्रोजेक्ट पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने कहा, ''एग्रोमेट एडवाइज़री सर्विसेज़ आईएमडी का बहुत उपयोगी कार्यक्रम है और हमें खुशी है कि आईआईटी रुड़की इसका हिस्सा है। यह हमारे क्षेत्र के किसानों को अपनी सेवा देने का अवसर देता है। साथ ही, इससे प्राप्त डाटा हमारे शोध में काम आएंगे।''
इस सेंटर का मुख्य कार्य प्रति दिन सतह से जुड़े एग्रोमटीरियोलाॅजिकल डाटा आॅब्जर्वेशन है। इसके तहत दैनिक वर्षा, वाष्पीकरण, धूप की अवधि (घंटे), सापेक्ष आर्द्रता, वायु की गति और दिशा, हवा और मिट्टी का तापमान, शुष्क और नम बल्ब तापमान, ओस की मात्रा और घास का न्यूनतम तापमान आदि के बारे में जानकारी एकत्र करना और इन आंकड़ों को आईएमडी, पुणे आॅनलाइन भेजना।
एएफएमयू रुड़की को हर मंगलवार और शुक्रवार मेट सेंटर, देहरादून से 5 दिनों के लिए मौसम का मध्य अवधि पूर्वानुमान प्राप्त होता है। इस आधार पर हर मंगलवार और शुक्रवार को किसानों को कृषि सलाह सेवाएं (एग्रो एडवाइजरी सर्विसेज़) दी जाती है।
हाल में आईआईटी रुड़की स्थित एग्रोमेट ऑब्ज़र्वेट्री में आधुनिक उपकरण लगा कर इसे अपग्रेड किया गया है। एडब्ल्यूएस से प्राप्त डाटा 15 मिनट के अंतराल पर आईएमडी, पुणे को भेजे जाते हैं। यह कार्य ग्लोबल सिस्टम फाॅर मोबाइल (जीएसएम) आधारित जीपीआरएस के माध्यम से किया जाता है।