दिल्ली। विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सभागार में आज माहवारी और उससे संबंद्ध समस्याओं एवं भ्रांतियों के बारे में एक सेमीनार का आयोजन किया गया। यह सेमीनार जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, शाहदरा द्वारा सच्ची सहेली नामक एन.जी.ओ के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण से कंवलजीत अरोड़ा, डी.एस.एल.ए से सचिव (पूर्वी क्षेत्र), पवन कुमार; सचिव (शाहदरा क्षेत्र),आकाश जैन; सचिव (उत्तरी पूर्वी), अरविन्द बंसल; मुख्य चिकित्सा प्रशासनिक अधिकारी, डाॅ अजय लेखी एवं अध्यक्ष, सच्ची सहेली (स्वयं सेवी संस्था) डाॅ सुरभि सिंह भी उपस्थित थीं। इसके अलावा निगम में कार्यरत अनेक महिला पयार्यवरण सहायकों ने भी भाग लिया।
''सच्ची सहेली'' में अध्यक्ष, डाॅ सुरभि सिंह ने माहवारी एवं स्वच्छता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। डाॅ सुरभि ने कहा कि पारंपरिक समाज की यह मान्यता है कि मासिक धर्म के बारे में खुलकर बात ना की जाए तथा इस दौरान महिलाओं को उनके दिन-प्रतिदिन के कार्याें से भी वंचित रखा जाये। डाॅ सुरभि ने कहा कि इस प्रकार की मान्यताएं महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ अन्याय है, क्योंकि एसे में वह माहवारी से जुड़ी समस्याओं के बारे में वो किसी से बात नहीं करती और कई बार समस्या बड़ा रूप भी ले लेती है। कार्यक्रम में महिलाओं हर माह होने वाले मासिक धर्म के बारे में व्याप्त भ्रांतियों पर विस्तार से चर्चा की और बताया गया कि माहवारी एक सामान्य प्रक्रिया है जिसपर बात करने में संकोच नहीं होना चाहिए।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण में सचिव, पवन ने सभागार में उपस्थित सभी महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में बताया। उन्होने बताया कि बलात्कार, छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, कार्यालय स्थल पर हुई किसी भी प्रकार की हिंसा के संबंध में वह जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण में आकर निःशुल्क कानूनी परामर्श एवं सहायता प्राप्त कर सकतीं है। उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में स्थापित प्रत्येक न्याय में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की शाखा मौजूद है जहां से निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त की ही जा सकती है बल्कि हेल्पलाइन न. 1516 पर फोन करके भी कानूनी सलाह प्राप्त की जा सकती है।
पूर्वी निगम में अपर आयुक्त, अल्का शर्मा ने कहा कि निगम द्वारा जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सहयोग से हर शनिवार पयार्यवरण सहायकों के लिए स्वास्थ्य कैंप का आयोजन करने की योजना है जिसमें उन्हें उनकी आवश्यकतानुसार निःशुल्क कानूनी परामर्श व सहायता मुहैया करवाई जायेगी।
कार्यक्रम में समाज में महिलाओं की स्थित एवं महिला सशक्तिकरण के संदेश देते हुए रंगारंग कार्यक्रम एवं नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए गये।