# विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर ह्रदय रोग विशषज्ञों ने दी अहम जानकारी
#अगर आप भी जिंदगी में अधिक तनाव लेने लगे हैं, तो संभल जाइए
# उच्च रक्तचाप एक साइलंट किलर है, हर तीसरा भारतीय इस समस्या का है शिकार
गाजियाबाद। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी के प्रबंध निदेशक डॉ पी एन अरोड़ा ने बताया कि उच्च रक्तचाप के प्रति जागरूकता लाने के लिए हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। क्योंकि उच्च रक्तचाप या हाई बीपी की समस्या पिछले कुछ सालों में बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हृदय रोगों, किडनी के निष्क्रिय होने जैसी अनेक समस्याओं के पीछे रक्तचाप अधिक होना ही प्रमुख वजह है। दरअसल, कई रोगियों को अधिक रक्तचाप का पता नहीं चलता, क्योंकि कोई खास लक्षण नहीं होता। सिर में दर्द, देखने में दिक्कत, नींद सही से नहीं आने जैसी समस्याओं की जांच के लिए जब लोग जाते हैं तो पता चलता है कि रक्तचाप बढ़ा हुआ है।
अगर आप भी जिंदगी में अधिक तनाव लेने लगे हैं, तो संभल जाइए। यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। गलत खानपान की आदतों के कारण हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को दावत देते हैं। इसे साइलेंट किलर बीमारी भी माना जाता है। यह जानकर हैरानी होगी कि हार्ट अटैक हाइपरटेंशन की वजह से भी हो सकता है। लेकिन समय समय पर बीपी पर नजर रखकर और उसे नियंत्रित रखकर जटिलताओं को कम किया जा सकता है। रोजाना 25 से 30 मिनट की कसरत, कम नमक का प्रयोग, कम वसा वाले भोजन के इस्तेमाल से मानसिक तनाव से बचा जा सकता है और इसका बीपी रोगियों पर सकारात्मक असर दिखाई देता है। इसलिए बीपी रोगियों को उपचार और दवाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
डॉ सिंघानिया बताते हैं कि ग्रामीण आबादी भी उच्च रक्तचाप की शिकार है और आज लगभग हर तीसरा भारतीय इस समस्या का शिकार है। यह लोगों की मृत्यु की भी बड़ी वजह है। पिछले कुछ सालों में बदली जीवनशैली ने लोगों के हाइपर टेंशन को बढ़ाया है। इनमें शारीरिक व्यायाम की कमी, अधिक नमक और बसा वाला जंक फूड, अल्कोहल और तंबाकू के सेवन और मानसिक तनाव आदि कारण हो सकते हैं।