यदि हम नियमित योग करें तो शरीर की अधिकतर बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है ।पुरानी पीढ़ी हर काम को स्वयं करती थी और उनके हर कार्य में योग अभ्यास छुपा था इसलिये खेतों में ख़ूब काम करने वालों को दूध घी आसानी से हजम हो जाता था
योग साधना पूरे विश्व को भारतवर्ष की अनमोल देन हैं। भारत की माटी पर जन्में ऋषि मुनि तपस्वियों ने मे योग साधना के बारे में जो कहा है, उस पर आज विश्व के अलग अलग देशों में शोध संस्थान रिसर्च कर रहे हैं और गंभीरता से इस विधा को को समझने का प्रयास कर रहे है जबकि हमारे देश में हज़ारों वर्षों पूर्व ही इस विज्ञान को देश दुनिया के समक्ष रख दिया गया था।
धीरे धीरे हम अपने पूर्वजों द्वारा जिये गए जीवन जीने की पर आ रहे हैं क्यूँकि हमारा शरीर पौष्टिक भोजन, योग साधना की माँग कर रहा हैं। हमें साफ़ स्वच्छ हवा में स्वास लेने के लिये ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिये और अपनी अगली पीढ़ी के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुये उन्हें एक साफ़ माहौल देने का प्रयास करना चाहियें।