घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के क्षेत्र में डॉ संजय गुप्ता को मिल रही ख्याति




गाज़ियाबाद। घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के महत्व आैर फायदाें के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए नाेएडा के सेक्टर 128 स्थित मल्टी सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल जेपी हाॅस्पिटल ने गाज़ियाबाद में एक प्रेस सम्मेलन का आयाेजन किया। जिसके दाैरान आम जनता काे जोड़ाें के पुराने दर्द, इसके कारण, राेकथाम, जल्दी निदान के महत्व, उपचार प्रक्रिया तथा पूर्ण घुटना प्रत्याराेपण सजर्री के बारे में अहम जानकारी दी गई।सजर्री के क्षेत्र में एक ज़िम्मेदार स्वास्थ्य सेवा प्रदाता हाेने के नाते जेपी हॉस्पिटल ने इस सम्मेलन का आयाेजन किया, क्योंकि आज लाखाें लाेग ऑर्थराइटिस या चाेट की वजह से घुटनाें के दर्द से परेशान रहते हैं। ऐसे मरीज़ाें के लिए रोजमर्रा के काम करना जैसे चलना, सीढ़ीयां चढ़ना, बैठना, खड़े हाेना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर दवाआें या वॉकिंग सपोर्ट से फायदा न मिले ताे मरीज़ काे पूर्ण घुटना प्रत्याराेपण सर्जरी की सलाह दी जाती है, जो दर्द से छुटकारा पाने का सुरक्षित तरीका है, जिसके बाद व्यक्ति अपने राेज़मर्रा के काम करने लगता है।इस माैके पर डॉ संजय गुप्ता, एसोसिएट डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ आथाेर्पेडिक्स एण्ड जाॅइन्ट रिप्लेसमेन्ट ने कहा कि पूर्ण घुटना प्रत्याराेपण एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें घुटने के जाेड़ काे आटीर्फिशियल मटीरियल से बदल दिया जाता है। इस सर्जरी काे टाेटल नी जाॅइन्ट आर्थोप्लास्टी भी कहा जाता है। इस सर्जरी में फीमर बोन के सिरे काे निकाल कर इसकी जगह मैटल शैल लगाया जाता है। जब मरीज़ काे दवाओं, थेरेपी या वाॅकिंग सपोर्ट से आराम मिलना बंद हाे जाए ताे इस सर्जरी की सलाह दी जाती है। इससे न केवल मरीज़ काे दर्द से छुटकारा मिलता है बल्कि उसके जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हाे जाती है।डॉ गुप्ता ने आगे बताया कि जाेड़ाें का दर्द आैर घुटनों की समस्या भारतीयों में आम है। भारत में 60 साल से अधिक उम्र के लगभग 28.7 फीसदी लोग जाेड़ों के दर्द से परेशान हैं। गतिहीन जीवनशैली, व्यायाम की कमी, खाने-पीने की गलत आदतें इसका मुख्य कारण हैं, जिसके चलते यह समस्या तेज़ी से बढ़ रही है। इसलिए जेपी हॉस्पिटल में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाएं अन्तरार्ष्ट्रीय मानकाें के समकक्ष हैं। जहां पूर्ण घुटना प्रत्याराेपण सर्जरी की सफलता दर 90 फीसदी से भी अधिक हाेती है और सर्जरी के बाद रिप्लेसमेन्ट 10 से 15 साल तक चलता है। घुटना प्रत्याराेपण कराने के बाद मरीज़ाें को दर्द में आराम मिलता है, जिससे वे फिर से सामान्य जीवन जी सकते हैं।डॉ गुप्ता ने स्पष्ट किया कि घुटनों में चाेट या ऑर्थराइटिस, विशेष रूप से आॅस्टियो ऑर्थराइटिस के कारण घुटनाें में दर्द आैर सूजन आ जाती है। समय के साथ घुटनों के आस-पास के टिश्यूज़ खराब हो जाते हैं जिससे व्यक्ति के लिए राेज़मर्रा के काम करना, यहां तक कि बैठना आैर चलना-फिरना तक मुश्किल हाे जाता है। इसलिए घुटना प्रत्याराेपण सर्जरी ही इसका समाधान है।इस मौके पर कमलेश वर्मा ने कहा कि उम्र बढ़ने के साथ कई समस्याएं हो जाती हैं, जिनमें घुटनों का दर्द ताे आम है। मेरे घुटनाें की जांच करने के बाद डॉ संजय गुप्ता ने मुझे पूर्ण घुटना प्रत्याराेपण की सलाह दी। शुरूआत में इसके लिए मैं तैयार नहीं हुआ, क्योंकि मुझे लगा कि क्या 72 साल की उम्र में मेरा शरीर इस सर्जरी काे झेल पाएगा। हालांकि अब मुझे सर्जरी कराए दाे साल हाे गए हैं आैर मुझे कोई परेशानी नहीं है। डॉ गुप्ता आैर जेपी हॉस्पिटल की वजह से मैं आज स्वस्थ जीवन जी रहा हूं।एक अन्य 75  वर्षीय मरीज़ नाजु़क जालान ने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ मेरे घुटना का दर्द भी बहुत बढ़ गया था। मुझे रोजमर्रा के काम करने में तकलीफ़ हाेती थी। मेरे लिए चलना-फिरना तक मुश्किल हो गया था। जब दर्द बहुत ज़्यादा बढ़ गया, तब मैं जेपी हॉस्पिटल पहुंची। डॉ गुप्ता ने मुझे पूर्ण घुटना प्रत्याराेपण की सलाह दी। सर्जरी के बाद मेरा दर्द बिल्कुल गायब हाे गया है, अब मैं अपने राेज़मर्रा के काम आसानी से कर सकती हूं। मैं डाॅ संजय गुप्ता आैर उनकी टीम के प्रति आभारी हूं, जिन्हाेंने मेरे जीवन काे फिर से पहले जैसा बना दिया है।एक अन्य महिला मरीज मंजू गर्ग ने बताया कि मैं लम्बे समय से घुटनाें के दर्द से परेशान थी। मेरी हालत को देखते हुए डॉ संजय गुप्ता ने मुझे पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण की सलाह दी। उन्हाेंने बताया कि वे मेरे खराब हाे चुके घुटने काे आटीर्फिशियल मटीरियल से बदल देंगे। 14 मार्च 2017 काे नाेएडा के जेपी हॉस्पिटल में मेरी सर्जरी की गई। सर्जरी काे 20 महीने हाे गए हैं, अब मैं ठीक हूं। सर्जरी के बाद मुझे दर्द से आराम मिला है। मैं डाॅ संजय गुप्ता आैर उनकी टीम के प्रति आभारी हूं।सच कहा जाए तो जेपी हॉस्पिटल में सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञाें आैर सर्जनाें की टीम है जाे दुनिया भर से आए मरीज़ों काे इलाज कर चमत्कार कर रहे हैं। आधुनिक उपकरणों आैर तकनीकों के साथ ये अनुभवी डॉक्टर मरीज़ाें काे जोड़ाें की समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं।