झारखंड महागठबधंन में पड़ी दरार
रांची। झारखंड महागठबंधन में कांग्रेस को तगड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों कि मानें तो शिबू सोरेन कि पार्टी जेएमएम सीटों को लेकर अभी से उठापटक चल रहीं है। क्यों कि झारखंड में हेमंत सोरेन को अपनी पार्टी की पैठ और ज्यदा बढ़ानी है तो वो चाहेंगे की उनकी पार्टी ज्यदा से ज्यदा सीटों पर चुनाव लड़े। कांग्रेस को महागठबंधन झारखंड में मजबूत करनी हैं तो सारी पार्टीयों को एक मंच पे लेकर चलना होगा। कांग्रेस  झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अजय वर्मा के लिए बहुत ही उहा-पोह की बात है क्योंकि झारखंड में बाबूलाल मरांडी की भी पार्टी को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। वही लालू प्रसाद की पार्टी राजद झारखंड में सीट की डीमांड कर रही है। इस लिए कांग्रेस के लिए बहुत ही धर्मसंकट है महागठबंधन  को बचाये रखना। जनाधार के हिसाब से जेएमएम सबसे बड़ी पार्टी है क्योकि लोकसभी की 2 सीट और विधानसभा की 19 सीट जेएमएम के पास है और कांग्रेस के पास लोकसभा की एक भी सीट नही है और विधानसभा की मात्र 6 सीट कांग्रेस के पास है। महागठबधंन से मायावती ने अपनी दूरी बना के अलग राह पर चलती दिख रही है । मायावती ने तीन राज्यों की विधानसभा चुनाव में अलग चुनाव लड़कर महागठबधंन की नीव ही हिला के रख दी। सपा भी कभी-कभी आंख दिखाने में नहीं चूकती ,आयेदिन अखिलेश यादव का वयान आते रहता है यूपी में कांग्रेस छोटा भाई है। हेमंत सोरेन के भी बयान से ये नही लगता की वे कम सीटो पे मानेंगे।आने वाले समय पर ही पता चलेगा सही मामला लेकिन राज्य की राजनिती कांग्रेस के लीए आसान नहीं दिख रही है। कही न की  झारखंड महागठबंधन में दरार तो पर चुकी है। और ये खबर बीजेपी के लीए खुशी की खबर हो सकती है क्योंकी अगर झारखंड में महागठबंधन  में चुनाव लड़ी गयी तो भाजपा की राह तो आसान कम से कम इसबार तो नहीं रहेगी। अब समय ही बतायेगा झारखंड महागठबंधन का भविष्य कहां तक जायेगा।