कृषि एवं पशु पालन राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है: गोयल

जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि एवं उधानिकी पी.के. गोयल  ने कहा कि कृषि एवं पशुपालन राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है एवं 50
प्रतिशत रोजगार आज भी कृषि पर आधारित है व जीडीपी में कृषि का 60 प्रतिशत योगदान हैं। गोयल राज्य कृषि प्रबंध संस्थान दुर्गापुरा में 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान)'' योजना के शुभारम्भ पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। गोयल ने सभी पात्र किसानों को इस योजना का लाभ उठाने का आह्वान करते हुए कहा कि अब तक 2.50 लाख कृषकों का पंजीकरण हो चुका है जो कि 4 दिन पूर्व 5000 किसानों से शुरूआत हुई थी। कृषि पर निर्भरता कम होने व जोत छोटी होने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए गोयल ने कहा कि 80 प्रतिशत जोत लघु व सीमान्त किसानों की है। कृषि में उत्पादकता एवं आय में वृद्धि इतनी नही हो रही जितनी अन्य क्षेत्रों में, इसलिए कृषि आज आकर्षक नही है। सभी नौकरी चाहते हैं। 50 प्रतिशत कृषि पर निर्भरता खतरे की घण्टी है। आधारभूत ढांचे वेयर हाउस, कम पानी में अधिक उत्पादन व आय देने वाली फसलों की खेती किसानों के लिए आज की परिस्थिति में लाभकारी हो सकती है। बढती हुई जनसंख्या व घटती जोत तथा सघन कृषि धरती माता को नुकसान पहुंचा रही है। पर्यावरण असंतुलित हो रहा है। हम पेड पौधें एवं पशुधन को पवित्र मानते हुए पूजते आये है। यह प्रकृति के अभिन्न अंग है। फैक्ट्रियों में दूध, सब्जी, खाद्यान्न पैदा नही किया जा सकता, यह हमारे अन्नदाता किसान ही पैदा कर सकते है और अन्नदाता इस पीएम किसान योजना का लाभ उठायें।