रेलवे को अब तक की सर्वाधिक 1.58 लाख करोड़ रुपये का बजट

यात्री किराया, माल भाड़े में बढ़ोतरी नहीं



नई दिल्ली।वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा शुक्रवार को पेश किए गए अंतरिम बजट में यात्री किराया एवं माल भाड़ा शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की गई। बजट में रेलवे के लिए 1.58 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्‍यय आवंटन की घोषणा की गई। यह रेलवे के लिए अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक पूंजीगत खर्च की योजना है। 


इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर किराया बढ़ने की अपेक्षा नहीं की जा रही थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल अपने बजट में रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे। रेल मंत्री का प्रभार भी संभाल रहे गोयल ने कहा कि भारतीय रेल के लिए वर्ष 2018-19 अब तक सबसे सुरक्षित साल रहा है और बड़ी लाइनों वाले नेटवर्क पर सभी मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्‍त कर दिया गया है। 
उन्होंने अपने पहले बजट भाषण में कहा, ‘आगामी वित्त वर्ष के लिए रेलवे के लिए 1.58 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय कार्यक्रम है, जो अब तक की सर्वाधिक राशि है। स्‍वदेश में विकसित सेमी हाई-स्‍पीड ‘वंदे भारत एक्‍सप्रेस’ का परिचालन शुरू होने से भारतीय यात्रियों को तेज रफ्तार, बेहतरीन सेवा एवं सुरक्षा के साथ विश्‍वस्‍तरीय अनुभव होगा।’ 
उन्होंने कहा, ‘हमारे इंजिनियरों द्वारा पूर्ण रूप से विकसित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगाई गई इस उल्‍लेखनीय ऊंची छलांग से ‘मेक इन इंडिया’ को काफी बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही रोजगारों का सृजन भी होगा।’ बजट अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रेलवे की कुल आय 2,72,705.68 करोड़ रुपए है, जो वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2,49,851.01 करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान से 22,854.01 करोड़ रुपये अधिक है। 
बजट में नई लाइनों के निर्माण के लिए 7255 करोड़ रुपए की निधि आवंटित की गई है, 2200 करोड़ रुपये आमान परिवर्तन, दोहरीकरण के लिए 700 करोड़ रुपए, रॉलिंग स्टॉक के लिए 6114.82 करोड़ रुपये और सिग्नल एवं दूरसंचार के लिए 1,750 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। गोयल ने घोषणा की कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए परिचालन अनुपात सुधर कर 96.2 प्रतिशत हो गया है और अगले वित्त वर्ष में इसे 95 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। 
वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे का नियोजित व्यय वर्ष 2013-14 के स्तर से 148 प्रतिशत अधिक हो गया है। यात्री सुविधाओं के विकास के लिए कुल 3422 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो रेल उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए करीब 1000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय है।