कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013:10 हजार 29 पदों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्णय पर गहलोत का आभार जताया

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से शुक्रवार को 49, सिविल लाइन्स स्थित निवास पर प्रदेशभर से बढी संख्या में आए युवाओं ने मुलाकात कर पंचायतीराज विभाग की कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 में शेष रहे 10 हजार 29 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के महत्वपूर्ण निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया। युवा अभ्यर्थियों ने पुष्प भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि इस संवेदनशील निर्णय से करीब छह साल से नियुक्ति की राह देख रहे नौजवानों की आस पूरी होगी। साथ ही प्रदेश के 10 हजार से अधिक परिवारों को इस निर्णय से संबल मिलेगा।  इस अवसर पर नरेगा कार्मिक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अशोक वैष्णव, पंचायत प्रसार अधिकारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सोहन लाल डारा एवं ग्राम विकास अधिकारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष महावीर शर्मा सहित बढ़ी संख्या में कनिष्ठ लिपिक भर्ती के अभ्यर्थी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि पंचायतीराज विभाग ने वर्ष 2013 में 33 जिला परिषदों में कनिष्ठ लिपिकों के 19 हजार 275 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इस भर्ती में चयन के बाद वर्ष 2013 में ही 7,755 अभ्यर्थियों ने कार्यग्रहण कर लिया था। इसी बीच उच्च न्यायालय ने 15 जुलाई 2013 को भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी तथा यह मामला लार्जर बैंच में चला गया। लार्जर बैंच ने 25 सितम्बर 2013 के अपने निर्णय में सेवा अनुभव के बोनस अंकों की अधिकतम सीमा 15 अंक निर्धारित कर दी। लार्जर बैंच के इस निर्णय पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवम्बर, 2016 को अपने निर्णय में राज्य सरकार द्वारा सेवा अनुभव के अधिकतम 30 बोनस अंकों को सही मानते हुए सरकार की अपील स्वीकार कर ली। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद भी पूर्ववर्ती सरकार ने जिला परिषदों द्वारा पहले जारी कटऑफ सीमा तक ही नियुक्ति प्रदान की, जिस कारण 1156 अभ्यर्थी ही कार्यभार ग्रहण कर सके। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में संवेदनशील रुख अपनाते हुए रिक्त रहे 10 हजार 29 पदों की भर्ती प्रक्रिया की कार्यवाही को पूरा करने
का निर्णय किया।