किसानों से 8600 करोड़ से 29.67 लाख मी.टन सरसों, चना एवं गेहूं की होगी खरीद

जयपुर्। मुख्य सचिव डॉ. डी. बी. गुप्ता ने कहा कि राज्य में 1 अप्रेल से सरसों, चना एवं गेहूं की 8 हजार 600 करोड़ से अधिक मूल्य की 29.67 लाख मीट्रिक टन उपज किसानों से खरीदी जायेगी। जबकि कोटा संभाग में उपज की आवक को देखते हुए 15 मार्च से सरसों एवं गेहूं तथा 25 मार्च से चना की खरीद होगी। उन्होंने कहा कि खरीद के दौरान वीडियोग्राफी एवं सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाये ताकि खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता स्थापित हो सके।डॉ. गुप्ता बुधवार को शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक तथा संबंधित अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खरीद के दौरान कानून व्यवस्था का चाक चौबन्द प्रबंध किया जाये ताकि खरीद में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं हो एवं किसानों को अपनी उपज का बेचान करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। मुख्य सचिव ने कहा कि खरीद के बाद उपज का उठाव समय पर एवं निर्बाध रूप से हो इसके लिये परिवहन की पुख्ता व्यवस्था एवं मोनेटरिंग की जाये। उन्होंने कहा कि भण्डारण की समस्या नहीं आने दी जायेगी, इसके लिये भण्डारण निगम को निर्देशित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राजफैड एवं तिलम संघ के खरीद केन्द्रों पर किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि तहसीलदार एवं पटवारी को निर्देशित करें कि किसानों को गिरदावरी की नकल समय पर उपलब्ध करायें, जिससे वे समय रहते अपना पंजीयन करा सकें। उन्होंने कहा कि 7 मार्च से कोटा संभाग एवं 13 मार्च से राज्य के अन्य संभागों में सरसों एवं चने का पंजीयन प्रारम्भ हो रहा है। यह भी सुनिश्चित किया जाये कि एफएक्यू मानक में ही खरीद हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि खरीद के दौरान संयुक्त टीमों का गठन किया जाये, जो सप्ताह में एक बार खरीद व्यवस्था की बारीकी से निरीक्षण करें। उन्होंने यह निर्देश दिये कि किसानों से खरीदी गई उपज का भी रेण्डम चेक कर क्वालिटी को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मण्डियों में कृषि
सुपरवाइजर भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि खरीद के दौरान तुलाई के लिये इलेक्ट्रोनिक कांटे का प्रयोग किया जाये।डॉ. गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि समर्थन मूल्य का लाभ पात्र  किसानों को मिले, इसके लिये सरसों एवं चने के पंजीयन में
बायोमैट्रिक सत्यापन से पंजीकरण को पहली बार लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषक ऋण माफी में डेटा अपलोड, आधार से अभिप्रमाणन को भी शीघ्रता से पूरा किया जाये तथा पीएम-सम्मान निधि योजना के पातर्् किसानों को समय पर लाभ मिले, इसके लिये उनके भूमि संबंधी विवरण का राजस्व रिकार्ड से त्वरित सत्यापन सुनिश्चित किया जाये।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि पवन कुमार गोयल, प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्री अभय कुमार, खाद्य सचिव मुग्धा सिन्हा, रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन, राजफैड के प्रबंध निदेशक ज्ञानाराम, संयुक्त शासन सचिव, आयोजना श्री अभिमन्यु कुमार, प्रबंध निदेशक, अपेक्स बैंक इन्दर सिंह सहित सहकारिता, खाद्य, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, एफसीआई, भण्डारण निगम के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।