आईएचसी शॉप्स ओनर्स एसोसिएशन ने सीएम के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपा







# बायर्स हित में इंदिरापुरम हैबिटेट सेंटर को किसी सक्षम सरकारी एजेंसी को सौंपने की लगाई गुहार

# गिरफ्तार बिल्डर और उसके पार्टनर पर लगाए अनियमितता बरतने के आरोप

 

गाजियाबाद। आईएचसी शॉप्स ओनर्स एसोसिएशन रजिस्टर्ड के दो पदाधिकारियों ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन सौंपा और अविलम्ब उचित न्याय दिए जाने की गुहार लगाई है। क्योंकि जिन लोगों ने बेहतर रिटर्न की लालच में आईएचसी, इन्दिरायपुरम में निवेश किया है, आज वो खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि बिल्डर और उसके लोगों ने मनमानी करके निवेशकों का भविष्य अंधकारमय बना दिया है। 

 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आईएचसीएसओए के उपाध्यक्ष एन के सिंघल और महासचिव सह प्रवक्ता शिखर कपूर ने शुक्रवार को गाजियाबाद की जिलाधिकारी श्रीमती माहेश्वरी से मुलाकात की और एक पत्र सौंपा, जो यूपी के सीएम को संबोधित है। पत्र में श्री आदित्यनाथ और श्रीमती माहेश्वरी से मामले को सहानुभूतिपूर्वक देखने और उचित न्याय प्रदान करने का आग्रह किया है।

 

इस सम्बन्ध में आईएचसीएसओए के प्रवक्ता शिखर कपूर ने कहा कि हमारे सदस्यों ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित इंदिरापुरम हैबिटेट सेंटर (आईएचसी) परियोजना में अपनी जीवन बचत का निवेश किया है, जो करोड़ों रुपये में है। उन्होंने कहा कि आईएचसी प्रा. लिमिटेड के स्वामी बिल्डर ने अपने विभिन्न चैनल पार्टनर  और प्रॉपर्टी डीलरों के माध्यम से एश्योर्ड रिटर्न्स की स्कीमों के तहत शॉप्स, स्टूडियो अप्प्स, कमर्शियल स्पेसेस को बेचा। उस दौरान निर्दोष लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई को कुछ अच्छे रिटर्न की उम्मीद के साथ बिल्डर के इस प्रोजेक्ट्स में निवेश किया। लेकिन दुर्भाग्य से आईएचसी मॉल के खरीदारों व निवेशकों को पिछले एक साल से शायद ही कोई रिटर्न मिला हो।

 

श्री सिंघल ने आरोप लगाया कि बिल्डर कंपनी आईएचसी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों द्वारा विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं की गई हैं। जिसके चलते इसके सीएमडी प्रमोद गोयल सहित अन्य जिम्मेदार लोग, जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं, के द्वारा आईएचसी मॉल के निर्दोष खरीदारों व निवेशकों को 'निर्दयी' रूप से बिना किसी राहत के 'फांसी' पर लटका दिए जाने जैसा मर्यादा विरोधी कार्य किया गया है, जो चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने पहले इंदिरापुरम हैबिटेट सेंटर मॉल में कुछ शांतिपूर्ण आंदोलन व विरोध मार्च का आयोजन किया और बिल्डर से मिलने की कोशिश की, लेकिन लगभग कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कहा कि ऐसे कई खरीदार हैं जिन्होंने उप-लीज डीड के पंजीकरण को निष्पादित किया है पहले चरण में, लेकिन  किरायेदारों व ब्रांडों से किराया बिल्डर को जाता है किन्तु दुकानों के असली मालिक को नहीं, जो कि चिंता की बात है।

 

श्री कपूर ने आगे कहा कि हमारे एसोसिएशन के सदस्य कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं जो अब भविष्य में कोई राहत नहीं देख कर खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि वे लोग यूपी के मुख्यमंत्री के कार्यालय से इस मामले में दयापूर्ण हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। क्योंकि एसोसिएशन चाहती है कि या तो यूपी सरकार या फिर कोई अन्य सरकार की एजेंसी को खरीदारों व निवेशकों को उचित न्याय देने के लिए परियोजना के आगे के कार्य को संभालना चाहिए, ताकि सबका भला हो।