सिक्ख को शास्त्र और शस्त्र दोनों का ज्ञान होना चाहिएः सिरसा

नई दिल्ली। दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि सिक्ख को शास्त्र और शस्त्र दोनों का ज्ञान होना चाहिए। यह विचार उन्होंने बीते दिन दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और तेग सिक्ख मार्शल आर्टस अकादमी दिल्ली द्वारा सयुंक्त तौर पर पंजाबी बाग में करवाये गये ज़ौहर.ए.शमशीर प्रोग्राम के दौरान बोलते हुए प्रकट किये।


उन्होंने कहा कि छठी पातशाही श्री गुरु हरिगोबिंद साहिब ने सिक्खों को मीरी और पीरी का सिद्धांत दे कर संत सिपाही बनाया है। इसलिए सिक्ख जहां बाणी पढ़ कर रूहानी ज्ञान हाासिल करता है वहीं शस्त्र का ज्ञान भी उसके लिए जरुरी है। मुकाबले में भाग लेने वाले प्रतियोगियों को उत्साहित करते हुए सण् सिरसा ने कहा कि आज के समय में पढ़ाई के साथ.साथ बच्चों को खेलों में भी बढ़.चढ़ कर भाग लेना चाहिए। जिससे शारीरिक और मानसिक रूप से विध्यार्थी का विकास होता है। उन्होंने इस समय शस्त्र विध्या देने वाले सभी कोच की भी प्रशंसा की।


शस्त्र विध्या के मुकाबले ज़ौहर.ए.शमशीर में 170 लड़कों और 75 लड़कियों ने भाग लिया और शमशीर चला कर शस्त्र विध्या के जौहर दिखाये। लड़कों में पहले स्थान पर रहे सरबजोत सिंह और लड़कियों में पहला स्थान अमनदीप कौर ने हासिल किया। दोनों खिलाड़ियों को स मनजिंदर सिंह सिरसा ने ग्यारह.ग्यारह हज़ार रुपये और ट्राफियों के साथ सम्मानित किया।


इस मौके पर स सिरसा के अलावा बीबी रणजीत कौर, सरबजीत सिंह विरक, विक्रम सिंह रोहिनी, जसप्रीत सिंह विक्की मान, राण परमजीत सिंह, मनजीत सिंह अमृतसर, सुप्रित सिंह अमृतसर, जगदीप सिंह कुराली, मनविंदर सिंह, शमशेर सिंह, मनजीत सिंह फरीदाबाद, ज़ोरावर सिंहए जोगिंदर सिंह, इकबाल सिंह, और मनप्रीत सिंह ने भी भाग लिया।